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सिल्क्यारा टनल हादस: देर रात ऑगर मशीन में आई खराबी 12वें दिन भी नही हो सका रेस्क्यू, सीएम मोर्चे पर डटे।

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उत्तरकाशी – सिलक्क्यार टनल हादसे में 12वीं दिन भी कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है, वहीं आज 13 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री बीके सिंह मोर्चे पर डटे हुए हैं। बताया जा रहा था कि देर रात तक सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा.. लेकिन ऑगर मशीन की खराबी से यह कामयाबी अभी तक नहीं मिल पाई है हालांकि आज भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

बृहस्पतिवार को बचाव अभियान का निरीक्षण करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (सेनि) वीके सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे। निरीक्षण के बाद केंद्रीय मंत्री वीके सिंह जहां टनल से पहले बने कार्यालय में बैठ गए तो मुख्यमंत्री ने भी उत्तरकाशी के निकट स्थित मातली में डेरा डाल लिया। खबर लिखे जाने तक दोनों नेता मजदूरों के सकुशल बाहर आने का इंतजार कर रहे थे।

बीते गुरुवार रातभर मशीन का बेस मजबूत करने के लिए काम किया गया। बेस मजबूत होने के बाद ही ड्रिलिंग का दोबारा शुरू हो पाएगी। ऑगर मशीन का बेस हिलने के चलते ड्रिलिंग का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ड्रिलिंग के दौरान कंपन तेज होने से मशीन का बेस हिल गया था। वहीं सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को आज 13वां दिन हो चुका है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 800 एमएम के स्टील पाइपों से 51 मीटर तक एस्केप टनल तैयार की जा चुकी है।

बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह (ड्रोन) नवीनतम तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकती है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस का नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है।

सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों के लिए खाने-पीने का सामान पैक किया जा रहा है। आज उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय की निर्बाध ड्रिलिंग के बाद सभी मजदूर बाहर निकाल लिये जाएंगे।

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