Uttarakhand
सोमवती अमावस्या 2024: भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष पर्व, जानें कब है शुभ तिथि और महत्व !
Somvati Amavasya 2024 Date: सोमवती अमावस्या का पवित्र पर्व तब मनाया जाता है जब अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ती है। इसे सोमवती अमावस्या या सोमवारी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है, साथ ही पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व भी होता है।
2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या की तिथि 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को मनाई जाएगी, जो पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर पड़ेगी। यह तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4:01 बजे से आरंभ होकर 31 दिसंबर को सुबह 3:56 बजे समाप्त होगी।
स्नान और दान का शुभ मुहूर्त इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 5:24 से 6:19 बजे तक रहेगा, जिसे स्नान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके अलावा सूर्योदय के समय भी स्नान किया जा सकता है। स्नान के बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है।
पूजा का शुभ समय महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए उपवास करती हैं। पूजा के लिए विशेष पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं है। स्नान-दान के बाद, दिन में 12:03 से 12:45 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना शुभ माना जाता है।
शुभ योग और नक्षत्र सोमवती अमावस्या के दिन वृद्धि योग सुबह से रात 8:32 बजे तक रहेगा, जिसके बाद ध्रुव योग शुरू होगा। दिन भर मूल नक्षत्र रहेगा और रात्रि 11:57 बजे तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का प्रभाव रहेगा।
सोमवती अमावस्या का महत्व सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं। इसके अलावा, पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण जैसी क्रियाएं भी इस दिन अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। पवित्र स्नान और दान से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। जनमंच टीवी इन तथ्यों की सटीकता और संपूर्णता के लिए जिम्मेदार नहीं है।
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