Uttarakhand
टिहरी झील के चारों तरफ प्रस्तावित रिंग रोड़ पर ग्रामीणों का विरोध, उग्र आंदोलन की चेतावनी दी
मुख्य मांग
टिहरी गढ़वाल: टिहरी झील के चारों ओर प्रस्तावित रिंग-रोड़ का स्थानीय लोगों ने विरोध किया। 1200 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट के निर्माण के विरोध में रिंग रोड़ संघर्ष समित द्वारा एक दर्जन से अधिक गाँवो के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने रौलाकोट के भामेश्वर महादेव मंदिर में बैठक का आयोजन किया।
बिना अनुमति के किया जा रहा जमीनों का अधिग्रहण : ग्रामीण
जहाँ पर बैठक में ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया। ग्रामीणों ने कहा कि रिंग रोड़ चौड़ीकरण के नाम पर ग्रामीणों की अनुमति के बिना उनकी जमीनों और मकानों का अधिग्रहण किया जा रहा है। साथ ही सड़क चौड़ीकरण के नाम पर भी जमीनों के मुआवजे में भी ग्रामीणों के साथ सौतेला व्यवहार बरता जा रहा है।
मांग पूरी न होने पर ग्रामीणों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि वो पीडब्ल्यूडी, जिला प्रशासन, एसडीबी, पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दें कि वो दोबारा से समिति के लोगों के साथ रिंग रोड़ के मामले में बातचीत करें, जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान निकल सके। अगर कोई भी संबंधित अधिकारी ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं तो ग्रामीण भी रिंग रोड और सड़क चौड़ीकरण के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे। जिससे टिहरी झील के चारों तरफ 1200 करोड़ की लागत से बनने वाली रिंग रोड के निर्माण पर रोक लगेगी और इस राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के निर्माण पर ग्रहण लग सकता है।
ग्रामीणों ने कहा कि शासन-प्रशासन इन मुख्य बिंदुओं पर एक आम बैठक का आयोजन कर ग्रामीणों से साथ बातचीत कर समस्याओं का समाधान करे। ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर जल्द ये मांग नहीं मानी गई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
- सड़क मुआवजे में दोहरे मानक न अपनाए जाएं; सभी सड़कों का मुआवजा एनएच की तर्ज पर समान होना चाहिए।
- सड़क चौड़ीकरण कार्य में लापरवाही न बरती जाए, समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
- कई स्थानों पर सड़क का एलाइनमेंट आवश्यकतानुसार बदला जाए।
- जिन गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, उनके आसपास ही विकास कार्य किए जाएँ, न कि अन्य क्षेत्रों में।
- स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों से अपेक्षा है कि सभी कार्य जैसे सड़क चौड़ीकरण और मुआवजा लोक निर्माण विभाग द्वारा सही ढंग से संपन्न किए जाएँ।
अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, योगेश कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को संपत्ति का मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर ही दिया जाएगा। रिंग रोड का कार्य लगभग अंतिम चरण में है। कहीं पर अगर ग्रामीणों की समस्या है तो उनसे बात कर के समस्या का समाधान निकाला जाएगा।