इंफाल: मणिपुर में पिछले साल भड़की हिंसा अभी तक थमी नहीं है। ताजा हमलों और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर केंद्र ने करीब 2,000 कर्मियों वाली 20 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों को राज्य में भेजा है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात को इन इकाइयों को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल तैनाती के आदेश जारी किए।
क्यों फिर भड़की हिंसा?
गौरतलब है, सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ भीषण मुठभेड़ में कम से कम 10 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए। यह मुठभेड़ तब हुई जब वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने जिरीबाम जिले के जाकुरधोर में बोरोबेक्रा पुलिस स्टेशन और उससे सटे सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। भीषण मुठभेड़ के बाद बल ने अत्याधुनिक हथियारों का एक बड़ा जखीरा भी जब्त किया।
मारे गए थे 200 लोग
सूत्रों ने बताया कि मणिपुर भेजी जाने वाली 20 नई केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों में से 15 सीआरपीएफ और पांच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं। ये इकाइयां सीएपीएफ की उन 198 कंपनियों में शामिल होंगी जो पिछले साल मई में राज्य में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद पहले से ही राज्य में तैनात हैं। इस हिंसा में 200 लोग मारे गए थे।
सीएपीएफ इकाइयां 30 तक मणिपुर सरकार के अधीन रहेंगी
यह भी बताया कि गृह मंत्रालय के आदेशानुसार ये सभी सीएपीएफ इकाइयां 30 नवंबर तक मणिपुर सरकार के अधीन रहेंगी, लेकिन तैनाती बढ़ाए जाने की उम्मीद है। पिछले सप्ताह से ही जिरीबाम में हिंसा के नए दौर के कारण मणिपुर में तनाव बना हुआ है। राज्य पुलिस ने बताया कि सोमवार की घटना के बाद इंफाल घाटी में कई जगहों से ताजा हिंसा की खबरें आई हैं, जहां दोनों पक्षों के सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी हुई।
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