चमोली – सीमांत घाटी का एक ऐसा दूरस्थ गांव जाना जाता है जिस गांव का नाम लाता गांव है इस गांव में अधिकांश भोटिया जनजाति के लोग निवास करते हैं। लाता गांव तक जाने के लिए विगत कुछ वर्ष पूर्व में आधा अधूरी कच्ची सड़क निर्माण कार्य किया गया था जिसका निर्माण कार्य कई वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक पूरा नहीं हो पाया है सडक निर्माण पूरा न होने के चलते ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि जो आधा अधूरी कच्ची सड़क निर्माण कार्य लाता गांव के स्थानीय ग्रामीणों के लिए तैयार किया गया था लेकिन आधी अधूरी कच्ची सड़क भी अब कई जगह पर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी है जिसका सारा मालवा आए दिन लाता गांव के कई पीड़ित परिवारों के घरों तक पहुंच रहा है जिस कारण वहां पर रहने वाले कई परिवार खतरे के जद में है, तो उनके साथ कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। लेकिन शासन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा है।
इस बीच स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यदि हमारे गांव तक जाने वाली मुख्य सड़क का निर्माण कार्य जल्द सुचारू नहीं होता है तो आने वाले दिनों में पूरा लाता गांव चुनाव का बहिष्कार करेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपने गांव तक जाने वाली आधा अधूरी कच्ची सड़क निर्माण कार्य के बारे में कई बार शासन व प्रशासन के दरवाजे खटखटा कर अवगत कराया है इसके बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है।