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बदमाशों की बख्शीश खत्म, SSP बोले-उनकी ही भाषा में मिलेगा जवाब, खाकी का चलेगा कानून !

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उधमसिंह नगर: उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में पुलिस मुठभेड़ों का सिलसिला जारी है। दो महीने पहले पीपलपड़ाव रेंज में वनकर्मियों पर फायरिंग करने के मामले में फरार चल रहा मुख्य अभियुक्त गदरपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी ने पुलिस पर गोलीबारी की कोशिश की, लेकिन जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया और उसे अस्पताल भेजा गया।

6 सितंबर को पीपलपड़ाव रेंज में सागौन के पेड़ काट रहे तस्करों और वनकर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में वनकर्मियों पर तस्करों ने फायरिंग की थी, जिससे रेंजर रूप नारायण गौतम सहित चार वनकर्मी घायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में कई तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। अब तक पुलिस ने इस मामले में चार तस्करों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी संगत उर्फ संगी फरार था।

पुलिस को जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी संगी गदरपुर क्षेत्र में मौजूद है। इसके बाद बुधवार देर रात पुलिस ने गदरपुर के बेरिया अंडर बाइपास के पास चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान संदिग्ध बाइक सवार को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन उसने बाइक से भागने की कोशिश की और पुलिस पर गोली चला दी। पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की और आरोपी को मोतियापुर-दिनेशपुर मार्ग की ओर भागते हुए देखा।

जब पुलिस ने पीछा किया, तो आरोपी खेतों में छिप गया और फिर से पुलिस पर गोली चलाई। जवाबी फायरिंग में आरोपी के बाएं पैर में गोली लग गई और वह घायल हो गया। बाद में उसकी पहचान पीपलपड़ाव रेंज में वनकर्मियों पर फायरिंग करने वाले तस्कर संगी के रूप में हुई। घायल आरोपी को गदरपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां उसे प्राथमिक इलाज के बाद हायर सेंटर भेज दिया गया।

एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि संगी एक बड़ा लकड़ी तस्कर था और कई सालों से वनकर्मियों पर हमला करता आया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए कई बार छापेमारी की थी। पुलिस के मुताबिक, संगी ने अपने घर से पैसे लेकर पंजाब जाने की योजना बनाई थी। उसके साथ एक अन्य व्यक्ति भी था, लेकिन वह दोनों अलग-अलग बाइक पर पंजाब की ओर भाग रहे थे।

एसएसपी ने बताया कि संगी ने मुठभेड़ के दौरान पुलिस को देखकर फायरिंग की थी और उसके पास से दो तमंचे और बाइक बरामद की गई है। पुलिस उसके खिलाफ 46 आपराधिक मामले दर्ज कर चुकी है, जिनमें वन विभाग और आईपीसी के तहत कई मामले शामिल हैं।

पिछले दो महीनों में जिले में पांच पुलिस मुठभेड़ों में अपराधियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा के कार्यकाल में हुई इन मुठभेड़ों में चार बदमाशों के पैर में गोली लगी है। इससे पहले 24 सितंबर को जसपुर में पुलिस मुठभेड़ में एक हिस्ट्रीशीटर दिलशाद को गिरफ्तार किया गया था। 25 सितंबर को काशीपुर में भी एक लूट के आरोपी साजिद को पुलिस ने घायल अवस्था में पकड़ा था।

एसएसपी मिश्रा ने कहा कि मुठभेड़ों में पुलिसकर्मियों के साहस और तत्परता का ही परिणाम है कि अपराधी पकड़ में आ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रखेगी और उन्हें सख्त सजा दिलवाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।

पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ की जा रही है। वह पुलिस को और कौन-कौन से अपराधों के बारे में जानकारी दे सकता है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। पुलिस का कहना है कि संगत से पूछताछ के बाद और तस्करों की गिरफ्तारी की जाएगी।

 

 

 

 

 

 

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