उत्तरकाशी – कोठार जो कभी उत्तराखंण्ड के हर घर की शान हुवा करता था। लेकिन फ्रीज के प्रचालन के कारण आज कोठार विलुप्त होने के कगार पर है। पुराने जमाने मे लोग इसे अन्न भण्डार करने के लिए उपयोग मे लाया करते थे। ओर इसमे 100 साल तक भी गेंहू चावल आटा फल आदि खराब नही होते थे।

जनपद उत्तरकाशी के सोड गांव मे भण्डारी परिवार 150 सालों से इसका आज तक उपयोग कर रहा है। देवदार की लकडी से बने कोठार के अन्दर का तापमान काफी कम होता है। जिसके कारण इसके अन्दर कीडे नही पडते। एक कोठार मे लगभग 30से 40कुन्तल के करीब सामाग्री स्टोर की जा सकती थी। लेकिन अब यह कोठार लगभग विलुप्त हो गये है। पुराने जमाने मे जिस भी परिवार के पास कोठार होता था। वह परिवार अमीर माना जाता था। आज हम आपको दिखाएंगे कि कोठार यानी कि पुराने जमाने का फ्रीज कैसा था।