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केदारनाथ की यात्रा में इस बार आस्था का सैलाब अपने चरम पर, पहली बार यात्रा पैदल मार्ग पर 24 घंटे आवाजाही, जयकारों से गूंज रहा बाबा का दरबार।
केदारनाथ धाम – भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक केदारनाथ की यात्रा में इस बार आस्था का सैलाब अपने चरम पर है। कपाटोद्घाटन से लेकर पहले सप्ताह में यात्रा कई रिकाॅर्ड बना चुकी है। वहीं, पहली बार यात्रा में गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर 24 घंटे आवाजाही हो रही है।
वहीं, जैसे-जैसे श्रद्धालु इस रास्ते से धाम की तरफ बढ़ते हैं, ऑक्सीजन कम होती जाती है। यह श्रद्धालुओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। इन सबके बाद भी बाबा के भक्तों का उल्लास और उत्साह अपने चरम पर है। स्थिति यह है कि दिनरात यात्रा संचालित हो रही है। पैदल मार्ग पर 24 घंटे यात्रियों का आवागमन हो रहा है। यात्री रात तीन बजे के बाद भी केदारनाथ से गौरीकुंड के लिए लौट रहे हैं और मध्य रात्रि के बाद पहुंच रहे हैं।
बाबा केदार की यात्रा में आठ दिनों में 10,070 श्रद्धालु हेलीकाॅप्टर से धाम पहुंच चुके हैं, जबकि 9,500 से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर वापस लौटे हैं। इस बार केदारनाथ यात्रा में आठ हेली कंपनियों के नौ हेलीकाॅप्टर केदारघाटी के अलग-अलग हैलिपैड से धाम के लिए उड़ान भर रहे हैं।
केदारनाथ में उमड़ रही भीड़ को देखते हुए श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा बाबा के भक्तों को सभामंडप से ही स्वयंभू लिंग के दर्शन कराए जा रहे हैं। यहां कपाट खुलने के बाद से प्रतिदिन औसतन 25 हजार से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शनों को पहुंच रहे, जो यात्रा में नया रिकाॅर्ड है। बीकेटीसी के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया, सुबह चार बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो अपराह्न तीन बजे तक चल रहे हैं। इसके बाद भगवान केदारनाथ को भोग लगाया जा रहा है, जिसके लिए लगभग 40 मिनट मंदिर को बंद रखा जा रहा है। साफ-सफाई के बाद पुन: 3.45 बजे से शाम सात बजे तक धर्म दर्शन कराए जा रहे हैं। इसके बाद सांयकालीन आरती के बाद श्रद्धालु बाबा के शृंगार दर्शन कर रहे हैं।