Dehradun

देहरादून में फूड टेस्टिंग लैब शुरू करने के लिए दो माह की दी डेडलाइन, मिलावटखोरों से निपटने के लिए मुख्य सचिव यूपी के सचिव को लिखेगी पत्र।

Published

on

देहरादून – मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गढ़वाल मंडल के देहरादून में फूड टेस्टिंग लैब शुरू करने के लिए दो माह की डेडलाइन दी है। लैब के लिए पहले ही 13 पदों की स्वीकृति दे दी गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा वाले स्थानों पर मिलावटखोरों से निपटने के लिए प्रदेश की मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखेंगी, ताकि मिलावटी दूध व खाद्य उत्पादों की संयुक्त निगरानी हो सके।

मुख्य सचिव ने खाद्य सुरक्षा, जिलाधिकारी व एडीएम को मिलावट से जुड़े वादों के तेजी से निपटाने के निर्देश दिए। कहा, देरी के लिए जवाबदेह अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में जिलाधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा। सीएस राज्य सचिवालय में सुरक्षित भोजन एवं स्वास्थ्य आहार पर गठित राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक ले रही थीं। उन्होंने दायर वादों के निपटारे में हो रही देरी पर स्वास्थ्य, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति व पुलिस विभाग से रिपोर्ट तलब की।

बैठक में बताया गया, देहरादून फूड टेस्टिंग लैब के लिए केंद्र सरकार को 23 करोड़ का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। शुरू में इस लैब की क्षमता 5000 नमूना जांच होगी। सीएस ने रुद्रपुर में अल्ट्रा मॉडर्न फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना तथा लैब में आधुनिक उपकरण की उपलब्धता के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव एल फेनई, सचिव डाॅ. आर राजेश कुमार सहित शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, पुलिस, महिला एवं बाल कल्याण विकास के अधिकारी मौजूद रहे।

उन्होंने भोजन माताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी फूड टेस्टिंग में प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग को सभी आवासीय विद्यालयों में फूड सेफ्टी के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा। होटल मैनेजमेंट के प्रशिक्षण में अभ्यर्थियों को फूड सेफ्टी की जानकारी दी जाए। सीएस ने आमजन के लिए सैंपल टेस्टिंग किट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्य सचिव ने ईट राइट इंडिया अभियान के तहत ईट राइट कैंपस, ईट राइट स्कूल प्रमाणीकरण में सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, शासकीय एवं गैर शासकीय कैंपस को जोड़ने के निर्देश दिए। राज्य में अभी तक उत्तराखंड सचिवालय पहला कैंपस है, जिसे एफडीए द्वारा ईट राइट इंडिया का प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है।

बैठक में बताया गया कि चारधाम यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की जांच व मिलावटी खाद्य वस्तुएं बेचने पर रोक लगाने को 1418 खाद्य प्रतिष्ठानों की जांच हुई। 190 विधिक तथा 519 सर्विलांस नमूने जांच के लिए भेजे गए। 20 खाद्य कारोबारियों के विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर हुए। न्यायालय ने नौ खाद्य कारोबारियों पर 3,30,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।

Advertisement

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version