Delhi
‘हिट एंड रन’ कानून के तहत ये किया तो नही होगी सजा और नही देना होगा जुर्माना।
दिल्ली – देश के विभिन्न हिस्सों में नए ‘हिट एंड रन’ कानून के विरोध में बस, ट्रक व कैब ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा व पंजाब सहित कई राज्यों में हो रही हड़ताल का असर अब सामान्य जनजीवन पर पड़ने लगा है। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की भारी भीड़ लगी है। अगर ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म नहीं हुई, तो बाजार में रोजमर्रा की वस्तुओं की कमी हो जाएगी। केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस मामले में बड़ा अपडेट दिया है। नए कानून के तहत हिट एंड रन के आरोपी को दस साल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।

इसके विरोध में ट्रक व बस ड्राइवर हड़ताल पर हैं। केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, हिट एंड रन के मामले में ट्रक, बस या किसी अन्य वाहन का चालक अगर घटनास्थल से कुछ दूर जाकर पुलिस को सूचित करता है, घायल व्यक्ति की जानकारी देता है और खुद की पहचान के बारे में पुलिस को स्पष्ट तौर पर बता देता है, तो उसके खिलाफ उक्त सख्त कानून लागू नहीं होगा। उसे पुलिस को यह आश्वासन देना होगा कि उसे जहां भी, जब भी इस मामले में बुलाया जाएगा, वह आएगा।
पिछले दिनों संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस कानून के बारे में बताया था कि सरकार ने उन लोगों के लिए सख्त दंड का प्रावधान किया है, जो सड़क दुर्घटना करने के बाद मौके से भाग जाते हैं। उस स्थिति में पीड़ित को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। ऐसे आरोपियों के खिलाफ नए हिट एंड रन कानून के प्रावधान लागू होंगे। मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। हिट एंड रन केस में अगर ड्राइवर, बिना सूचना दिए भाग जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा मिलेगी। इसके अलावा सात लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा। केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया, ऐसा नहीं है। यह दंड केवल उन चालकों के लिए है, जो हिट एंड रन के बाद मौके से फरार हो जाते हैं। इस मामले में ड्राइवरों का मत है कि वे घटनास्थल पर ठहरेंगे तो लोगों की भीड़ उन्हें मार डालेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई चालक हिट एंड रन के बाद कुछ किलोमीटर दूर जाकर गाड़ी रोक लेता है। हेल्पलाइन नंबर 108 के माध्यम से पुलिस को घटना की सारी जानकारी देता है और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने का आग्रह करता है तो उसके साथ सख्ती नहीं होगी। उस चालक को अपनी सारी जानकारी पुलिस को बतानी होगी। इसके बाद उस चालक के खिलाफ सामान्य धारा के तहत केस दर्ज होगा। इस तरह के केस में उन लोगों के लिए कुछ उदारता दिखाई जाएगी, जो खुद से पुलिस को सूचित करेंगे और घायलों को अस्पताल ले जाएंगे।