Dehradun
Uttarakhand Panchayat elections: दिग्गजों की किरकिरी! कोई खुद हारा, तो किसी की पत्नी-बेटा भी हार गए…देखिए पूरी लिस्ट
Uttarakhand Panchayat elections
देहरादून: उत्तराखंड पंचायत चुनाव के नतीजों ने इस बार कई चौंकाने वाले समीकरण बदल दिए हैं। जनता ने कुछ ऐसे फैसले सुनाए कि बीजेपी के कई बड़े नेताओं के परिवार तक को हार का सामना करना पड़ा। आइए जानते हैं कहां-कहां और किन दिग्गजों के उम्मीदवारों को करारी शिकस्त मिली।
लैंसडाउन विधायक दलीप रावत की पत्नी को हार का झटका
बीजेपी के तेज़तर्रार नेता और लैंसडाउन से विधायक दलीप रावत की पत्नी नीतू देवी पौड़ी गढ़वाल से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गईं। योजना थी कि जीत के बाद उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष की रेस में उतारा जाएगा, लेकिन वो 411 वोटों से हार गईं। यह नतीजा न सिर्फ़ दलीप रावत के लिए, बल्कि बीजेपी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। अब सवाल यह भी उठने लगे हैं कि 2027 के विधानसभा चुनाव में क्या दलीप रावत को फिर से टिकट मिलेगा?
सल्ट विधायक महेश जीना के बेटे को भी हार
अल्मोड़ा जिले की स्याल्दे की बबलिया क्षेत्र पंचायत सीट से बीजेपी विधायक महेश जीना के बेटे करन जीना भी चुनाव हार गए। ये हार महेश जीना के लिए भी चेतावनी मानी जा रही है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता का मूड बदल भी सकता है।
विधायक सरिता आर्या के बेटे को कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार ने हराया
नैनीताल जिले में भवालीगांव सीट पर बीजेपी विधायक सरिता आर्या के बेटे को कांग्रेस समर्थित यशपाल आर्या ने 1200 वोटों से हरा दिया। दिलचस्प बात यह है कि सरिता आर्या खुद कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं और विधायक बनीं, लेकिन बेटे को जीत नहीं दिला सकीं।
भाजपा नेता और उनकी पत्नी दोनों चुनाव हारे
अल्मोड़ा जिले में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के मंडल अध्यक्ष संतोष कुमार राम नौगांव सीट से चुनाव हार गए। इतना ही नहीं, उनकी पत्नी पूजा देवी भी डूंगरलेख सीट से चुनाव हार गईं। दोनों ही तीसरे स्थान पर रहे, जो पार्टी के लिए भी निराशाजनक परिणाम है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी को भी हार
चमोली जिले के रानों वार्ड से मैदान में उतरीं राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी को भी हार का सामना करना पड़ा। रजनी निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष थीं, लेकिन जनता ने उन्हें भी नकार दिया।
नैनीताल में छवि बोरा कांडपाल ने तोड़ी बीजेपी की उम्मीदें
नैनीताल में जिला पंचायत सदस्य पद की रामड़ी आनसिंह सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया को निर्दलीय प्रत्याशी छवि बोरा कांडपाल ने हरा दिया। ये हार बीजेपी के लिए नाक का सवाल बन चुकी थी, लेकिन अंत में जीत छवि बोरा कांडपाल के नाम रही।
इन नतीजों से साफ़ है कि इस बार जनता ने पुराने समीकरण तोड़कर नए संदेश दिए हैं कि पंचायत चुनाव हो या विधानसभा, सिर्फ नाम और रसूख से नहीं…काम और छवि से ही भरोसा मिलेगा!