देहरादून: नगर निकाय चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस की हार के कारणों पर मंथन करने के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित बैठक में हंगामा हो गया। कई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पार्षद पद के लिए टिकट बेचे गए थे, और इस मामले में पार्टी के बड़े नेताओं की संलिप्तता भी थी।
यह सब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की मौजूदगी में हुआ। बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने न केवल टिकट बेचने के आरोप लगाए, बल्कि कई बार तो आरोपों का रुख पार्टी के पदाधिकारियों की ओर भी मोड़ दिया। इस विवाद के बीच, महापौर पद के प्रत्याशी रहे विरेंद्र पोखरियाल और उनके समर्थक बैठक छोड़कर बाहर आ गए, जबकि कुछ नेताओं ने बीच-बचाव कर मामला शांत करने की कोशिश की।
बैठक का उद्देश्य नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस की हार के कारणों की समीक्षा करना था, लेकिन यह बैठक हंगामे और आरोप-प्रत्यारोप का रूप ले गई। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि कई वार्डों में पार्टी के प्रत्याशियों को मात्र 100-200 वोट मिले, ऐसे में उन्हें टिकट देने के पीछे की वजह समझ से परे थी।
कई कार्यकर्ताओं ने यह आरोप लगाया कि कुछ टिकट लाखों रुपये में बेचे गए और इस मामले में पार्टी के बड़े नेता भी शामिल थे। महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष उर्मिला थापा और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने भी टिकट वितरण के मामले में अपनी नाराजगी जाहिर की।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील की और कहा कि यदि वे टिकट बेचने के आरोपों का कोई ठोस प्रमाण देंगे तो कार्रवाई की जाएगी। लेकिन माहरा की यह बात सुनकर महापौर पद के प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल और उनके समर्थक बैठक से बाहर चले गए, और इसके बाद भी हंगामा जारी रहा।
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डा. जसविंदर गोगी ने कहा कि यह बैठक केवल पार्षद प्रत्याशियों के लिए थी और कुछ कार्यकर्ताओं को बाहर जाने के लिए कहा गया, जिससे हंगामा हुआ। उन्होंने टिकट बेचने के आरोपों को नकारा किया।