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उत्तराखंड: धामी सरकार के दायित्व वितरण में हो सकते हैं बदलाव, कई आयोगों के अध्यक्ष पद खाली !

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देहरादून: उत्तराखंड में निकाय चुनाव के बाद धामी सरकार दायित्वों का पुनर्वितरण कर सकती है। राज्य के महत्वपूर्ण आयोगों के अध्यक्ष पदों पर इन दिनों सन्नाटा है। उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला आयोग के अध्यक्षों का तीन साल का कार्यकाल इस सप्ताह समाप्त हो गया है। इसके साथ ही श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पद का कार्यकाल भी खत्म हो गया है।

इन आयोगों के साथ-साथ, उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद भी पिछले एक साल से खाली पड़ा हुआ है। सरकार ने पहले उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग में डॉ. गीता खन्ना को अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन उनका कार्यकाल अब समाप्त हो गया है। इसके अलावा, राज्य महिला आयोग और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्षों का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है।

खाली पद और उपाध्यक्ष की स्थिति: अल्पसंख्यक आयोग में अध्यक्ष पद के अलावा दो उपाध्यक्षों की कुर्सी भी खाली हैं। उपाध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह का कार्यकाल अप्रैल 2024 में समाप्त हो गया था, जबकि उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब का कार्यकाल सितंबर 2024 में समाप्त हुआ था।

आचार संहिता के कारण इंतजार: राज्य में फिलहाल निकाय चुनाव के कारण आचार संहिता लागू है, जिसके चलते नए अध्यक्षों की नियुक्ति में देरी हो रही है। जैसे ही आचार संहिता खत्म होगी, सरकार इन खाली पदों पर नियुक्तियां कर सकती है और अन्य आयोगों के अध्यक्षों के दायित्वों का पुनर्वितरण कर सकती है।

राज्य में वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि नए दायित्व वितरण के साथ, सरकार कई प्रमुख आयोगों और श्रीबदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष पदों पर नई नियुक्तियां कर सकती है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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