Dehradun
उत्तराखंड: आपदा का खतरा बढ़ा, सायरन से होगी चेतावनी, यू प्रिपेयर योजना के तहत होगा कार्य !
देहरादून: उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) राज्य में आपदा के खतरे की पूर्व सूचना प्राप्त करने और उसे लोगों तक समय पर पहुंचाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत आपातकालीन सूचना केंद्र को अपग्रेड कर उसे मल्टी हेजर्ड अर्ली वार्निंग डिसीजन सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इस प्रणाली के माध्यम से संबंधित इलाकों में आपदा से संबंधित चेतावनी दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य भर में जगह-जगह सायरन लगाने का भी काम किया जाएगा।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है, जैसे कि अतिवृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ और वनाग्नि की घटनाएं। इस साल मानसून के बाद भी राज्य ने कई गंभीर आपदाओं का सामना किया, जिनमें कई लोगों की जान गई और कई लोग लापता हो गए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदाओं के बाद बचाव कार्य करता है, लेकिन इसके साथ ही वह आपदा के खतरे की पूर्व सूचना देने की योजना भी बना रहा है।
यूएसडीएमए के अधिकारियों के अनुसार, यह कार्य विश्व बैंक पोषित यू प्रिपेयर योजना के तहत किया जाएगा। पूर्व चेतावनी प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई संस्थाओं के साथ सहयोग किया जाएगा। जैसे कि अतिवृष्टि के मामले में मौसम विभाग की सेवाएं ली जाएंगी, वहीं जंगल की आग के लिए वन सेवा संस्थान (एफएसआई) की मदद ली जाएगी। इन सभी सूचनाओं का विश्लेषण मल्टी हेजर्ड अर्ली वार्निंग डिसीजन सिस्टम में किया जाएगा, और सही जानकारी के बाद उसे राज्य आपातकालीन सूचना केंद्र तक भेजा जाएगा, जहां से चेतावनी जारी की जाएगी।
इस योजना के तहत, सूचना देने के लिए सायरन का भी उपयोग किया जाएगा, जो आपातकालीन सूचना केंद्र से जुड़े होंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रयास किया जाएगा कि चेतावनी को ज्यादा से ज्यादा स्थानीय स्तर पर पहुंचाया जा सके।
इस साल राज्य में आपदाओं के कारण 82 लोगों की मौत हुई, 37 लोग घायल हुए, और 28 लोग लापता हैं। इसके अलावा, 3326 घरों को आंशिक नुकसान हुआ, 473 मकान काफी क्षतिग्रस्त हो गए, और 135 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए।
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