बागेश्वर – प्रभु राम के अपने धाम अयोध्या में विराजने के पुण्य अवसर पर उत्तराखंड की बेटी ने श्रीराम की पताका के साथ हिंद महासागर की गहरियों में स्कूबा डाइविंग की। फोन पर हुई बातचीत में कल्पना ने बताया कि रामलला के दर्शन करने के लिए मन उत्साहित है। दो माह बाद जब छुट्टियों पर घर जाऊंगी तो कोशिश रहेगी कि मां और पिता के साथ रामनवमी पर प्रभु राम की नयनाभिराम छवि को साक्षात देखूं।
बागेश्वर जिले के गांव द्वारसों के सैन्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली कल्पना ने बताया कि विदेश में होने के बावजूद प्रभु राम के लिए कुछ न कुछ करने की भावना पिछले कई दिनों से हिलोरे ले रहीं थी। तबियत खराब होने की वजह से लगा कि प्रभु राम की पताका के साथ समुद्र की गहरियों में उतरने का संकल्प शायद राम लला के प्राण प्रतिष्ठा तक पूरा ही न हो। लेकिन कहते हैं न ” जा पर कृपा राम की होई। ता पर कृपा करहिं सब कोई॥ मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ शनिवार की सुबह प्रभु का नाम लिया और फिर सब कुछ आसान होता चला गया। देखते ही देखते प्रभु राम के नाम के साथ समुद्र के भीतर 30 फीट गहराई में थीं।
बता दें कि, कल्पना इससे पहले आजादी के अमृत महोत्सव और मिशन चंद्रयान-3 के सफल होने पर तिरंगे के साथ स्कूबा डाइविंग की थी। कल्पना इन दिनों मालदीव में हैं और एक भारतीय कंपनी में कार्यरत हैं।
22 को दीया जलाएंगे, बेटी आएगी तो रामलला के दर्शन करने भी जाएंगे
बागेश्वर के द्वारसों निवासी कैप्टन हरीश सिंह मेहरा (सेवानिवृत्त) और हेमा मेहरा अपनी बेटी के इस कदम से बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमने यहां घर पर 22 के लिए पूरी तैयारी की हुई हैं। अयोध्या में प्रभु राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होते ही हम यहां जनवरी में ही दीपावली मनाएंगे। कैप्टन हरीश सिंह मेहरा ने बताया कि बेटी जब छुट्टियों पर आएगी तो पूरे परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने जाएंगे। कल्पना को नैनीताल में एनसीसी की नेवल कोर में रहने के दौरान तैराकी से लगाव हुआ था जो पहले जुनून बना और अब उसका प्रोफेशन। कल्पना के दादा लछम सिंह भी सेना में रहे हैं।