Uttarakhand
उत्तरकाशी डोडीताल ट्रेक: ग्रामीणों ने खुद शुरू किया ट्रेक का निर्माण, प्रशासन और वन विभाग की अनदेखी !
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी का प्रसिद्ध डोडीताल ट्रेक कई वर्षों से बदहाल स्थिति में पड़ा है, जिससे ट्रेकर और स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। इस ट्रेक के निर्माण और मरम्मत के लिए प्रशासन और वन विभाग से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में, ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान करके ट्रेक की मरम्मत शुरू कर दी है।
डोडीताल ट्रेक, जो कि 16 किलोमीटर लंबा है और समुद्रतल से लगभग 3000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। लेकिन मानसून के दौरान इस ट्रेक के तीन स्थानों, हलम्याती, चंजाका और देवरागाड में बुरी तरह क्षति पहुंची थी। हलम्याती में ट्रेक का हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया, और देवरागाड में अस्थायी पुल भी बह गया था।
स्थानीय निवासी सुमन पंवार और अनोज पंवार का कहना है कि क्षतिग्रस्त ट्रेक पर ट्रेकर जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। वे घास और पेड़ों को पकड़कर आवाजाही करने को मजबूर हैं, और किसी भी छोटी चूक से बड़ा हादसा हो सकता है।
ग्रामीण महिलाएं भी इस ट्रेक का इस्तेमाल करके मवेशियों के लिए चारा ला रही हैं, लेकिन खराब ट्रेक के कारण उन्हें भी जोखिम का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन और वन विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, जब प्रशासन और वन विभाग से कोई मदद नहीं मिली, तो ग्रामीणों ने खुद ही ट्रेक के निर्माण का जिम्मा लिया।
ग्रामीणों ने 10 मीटर क्षतिग्रस्त मार्ग की मरम्मत की, और अब हलम्याती तोक में 15 मीटर हिस्से की मरम्मत में जुटे हुए हैं। वे रोज़ाना 20 लोग बारी-बारी से काम में योगदान दे रहे हैं, और अगले एक-दो दिनों में ट्रेक का यह हिस्सा पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
इस बीच, वन विभाग इस ट्रेक पर आने वाले ट्रेकरों और एजेंसियों से शुल्क वसूलता है, लेकिन ट्रेक की स्थिति सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय लोग इस अनदेखी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रशासन से उचित कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
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