Uttarakhand

पत्नी ने किडनी देकर बचाई अपने पति की जान, महिलाओ के लिए बनी मिसाल। 

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नैनीताल – करवाचौथ पर पतिव्रता करवा और सावित्री की कथा सुनी जाती है। दोनों महिलाएं यमराज से अपने पतियों के प्राण वापस ले आई थीं। ऐसी ही मिसाल कोटाबाग की महिला ने अपने पति को किडनी देकर पेश की है।

कोटाबाग के गिनती गांव की रहने वाली सरिता डांगी के पति संतोष कुमार डांगी रामनगर वन प्रभाग में वन दरोगा के पद पर कार्यरत हैं। 2020 में अचानक संतोष की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं।

इसके बाद संतोष के स्वास्थ्य को लेकर परिवार समेत पत्नी की चिंता बढ़ गई। चिकित्सकों ने सरिता को किसी अन्य व्यक्ति की किडनी ट्रांसप्लांट करने का सुझाव दिया। सरिता ने पति की जान बचाने की ठानी और खुद ही पति के लिए किडनी देने का फैसला किया। सरिता ने 2023 में दिल्ली के एक अस्पताल में अपनी किडनी देकर पति की जान बचाई। अब सरिता के पति पूरी तरह स्वस्थ हैं।

सरिता डांगी का कहना है कि करवाचौथ और वटसावित्री के व्रत रखने के साथ ही कर्म प्रधान बनना चाहिए। तब जाकर ही इसके असल मायने साकार हो पाएंगे। वहीं संतोष कुमार डांगी का कहना है कि सरिता ने अपने पत्नीधर्म का पालन करते हुए मुझे जीवनदान देने के साथ ही अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। सभी महिलाओं को हर सुख-दुख में पति के साथ खड़े रहना चाहिए।

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