हल्द्वानी – हल्द्वानी के बिठौरिया क्षेत्र की एक महिला ने 2022 में महिला अस्पताल में नसबंदी कराई थी। इसके बावजूद महिला प्रेगनेंट हो गई। अल्ट्रासाउंड जांच में तीन महीने का गर्भ ठहरने का पता चला। इससे महिला और परिजन काफी परेशान हो गए हैं। उन्होंने इस संबंध में शिकायत की है।
सीएमस डॉ. ऊषा जंगपांगी ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है। 100 में से दो प्रतिशत मामले फेल हो जाते हैं जो कि प्राकृतिक है। इस मामले को मंगलवार को दिखवाया जाएगा। नियमानुसार गर्भ समापन कराने के बाद गर्भ ठहरने पर क्षतिपूर्ति रूप में 30 हजार रुपये देने का प्रावधान है। गर्भ समापन कराने पर फार्म भरा जाता है और उसके बाद मामला समिति के पास जाता है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाती है।