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आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में नये-नये आविष्कार और अनुसंधान हो रहे है: राज्यपाल

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देहरादून –  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने सुजोक फॉर एवरीबॉडी विजन फॉर उत्तराखंड विषय पर आयोजित सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने प्राकृतिक और जटिल चिकित्सा पद्धति को लोकप्रिय और उपयोगी बनाने के लिए इण्टरनेशनल सुजोक एसोसिएशन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ अब हमारी प्राचीन और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां लोकप्रिय हो रही है और लोगों के जीवन की जटिलताओं का समाधान खोज रही है। राज्यपाल ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां चिकित्सा के अनेक प्राचीन रूप प्रचलित है। अब सुजोक एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में हमारे देश में योग, आयुर्वेद, मर्म जैसी विधियां लोगों की जीवनचर्या को सुगम बना रही है। सुजोक थेरेपी ने भी समय के साथ-साथ लोकप्रियता प्राप्त की है और जन स्वास्थ्य के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली में नये-नये आविष्कार और अनुसंधान हो रहे है। चिकित्सा का क्षेत्र निरंतर सीमा में आगे बढ़ रह है, लेकिन इसका लाभ सभी तक पहुंचाने में बहुत सी बाधाएं है। सुजोक पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने में हमें प्रचार और प्रसार करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि सुजोक थेरेपी पर केन्द्रित यह सेमिनार नए विचार और अवसरों को पैदा करने में सार्थक होगा और लोगों की जिंदगी को आसान बनाने में मददगार होगा। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना महामारी ने हमे प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति का महत्व बताया। उन्होंने उत्तराखंड में लोगों के लिए सुजोक थेरेपी की प्रभावी गैर औषधीय प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली लाने में अंतर्राष्ट्रीय सुजोक एसोसिएशन के वैश्विक अध्यक्ष डॉ पार्क मिनचुल के प्रयासों की सराहना की।

इस सेमिनार में अध्यक्ष डॉ पार्क मिनचुल, एसोसिएशन के भारत में अध्यक्ष डॉ मोहना सेलवान, उपाध्यक्ष अशोक कोठारी ने सुजोक चिकित्सा की वैज्ञानिक प्रासंगिकता और इसकी विशेषताओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पद्धति सरल, प्रभावी, सक्षम और मितव्ययी है। उन्होंने जानकारी दी कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य सुजोक उपचार पद्धति के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों के स्वास्थ्य और सुखी जीवन के लिए कार्य करना है। युवाओं को सुजोक चिकित्सा का परीक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाना और विश्व स्तरीय सुजोक शिक्षण संस्थान तथा स्वास्थ्य संबंधी अवस्थापनाओं का निर्माण किया जाना जिससे विश्व भर से उत्तराखंड में लोग सुजोक सीखने आए। एसोसिएशन सुजोक पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

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1 Comment

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