Dehradun

रक्षाबंधन की रात होने जा रही दुर्लभ खगोलीय घटना, चांद की चमक होगी खास, जी भर के कीजिए दीदार,फिर 2037 में पड़ेगा यह संयोग।

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देहरादून – रक्षाबंधन की रात एक बहुत ही दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है। इसके बाद यह घटना मार्च 2037 में ही होगी। 19 अगस्त की पूर्णिमा की रात एक साथ ब्लू मून और सुपरमून की घटना होगी। इस रात चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होने से ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आएगा।

चंद्रमा की पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी 4,05,696 किमी और औसत दूरी 3,84,400 किमी होती है जबकि 19 अगस्त को चंद्रमा पृथ्वी से 3,63,711 किमी दूर होगा। इस हिसाब से 19 अगस्त को चांद पृथ्वी से अपनी सर्वाधिक दूरी के मुकाबले लगभग 41,985 किमी ज्यादा नजदीक होगा जो इसके प्रेक्षण और फोटोग्राफी का एक बेहतरीन अवसर होगा। इस रात्रि चांद पृथ्वी से अपनी सर्वाधिक दूरी के मुकाबले 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकीला नजर आएगा।

हालांकि चंद्रमा ब्लू मून के अवसर पर नीला नजर नहीं आता है। यह केवल उस संयोग का नाम है जब एक माह में दो पूर्णिमा (मासिक ब्लू मून) या तीन माह में चार पूर्णिमा (सीजनल ब्लू मून) पड़ती हैं। इस बार तीन माह के एक मून सीजन में चार पूर्णिमा पड़ रही हैं जो एक माह में दो पूर्णिमा वाले संयोग के मुकाबले ज्यादा दुर्लभ होती हैं और कई वर्ष के अंतराल में एक बार ही यह संयोग बनता है।

इसके बाद सीजनल ब्लू मून का संयोग मई 2027 में जबकि मासिक ब्लू मून का संयोग अगस्त 2026 में ही बनेगा। इससे पहले मासिक ब्लू मून 30 अगस्त 2023 को था। लेकिन 19 अगस्त का ब्लू मून सीजनल तो है ही, धरती के सर्वाधिक निकट होने के कारण एक सुपरमून भी है। इस संयोग ने इसे सर्वाधिक दुर्लभ बना दिया है। अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा के अनुसार इसके बाद यह संयोग मार्च 2037 में ही पड़ेगा।

आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) से संबद्ध रहे सौर विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडे के अनुसार सुपर ब्लू मून के बीच का अंतराल 20 साल तक का भी हो सकता है लेकिन औसतन यह 10 साल होता है। दरअसल सुपरमून यानी चांद के पृथ्वी के निकट आने की घटना तो साल में तीन से चार बार होती है। सभी पूर्ण चंद्रमाओं में से 25 फीसदी सुपरमून होते हैं लेकिन इनमें से मात्र 3 फीसदी ही ब्लू मून भी होते हैं। इस बार यह दोनों संयोग बन रहे हैं। संवाद

अगस्त माह में एक और दुर्लभ खगोलीय घटना नजर आएगी जब छह ग्रह एक सीधी रेखा में नजर आएंगे। 28 अगस्त को बुध, मंगल, बृहस्पति, यूरेनस, नेपच्यून और शनि ग्रह एक सीधी रेखा में नजर आएंगे। ग्रहों की परेड एक दर्शनीय नजारा होगा। इससे पूर्व 21 अगस्त को एक शनि ग्रह पर चंद्र ग्रहण भी घटित होगा। इस दौरान चंद्रमा शनि के सामने से गुजरेगा जिससे शनि ग्रह नजरों से ओझल हो जाएगा। लेकिन यह घटना केवल लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों से ही नजर आएगी।

 

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