दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने का फैसला अब केंद्र सरकार ने ले लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि मनमोहन सिंह का एक स्मारक तैयार किया जाएगा, जिसे लेकर पहले कई विवाद उठ रहे थे। कांग्रेस और कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने सरकार से यह मांग की थी कि स्मारक उसी स्थान पर बनाया जाए, जहां उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होगी, लेकिन सरकार ने पहले इस बारे में कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया था। इस पर कांग्रेस और अन्य दलों ने विरोध जताया था, और यह मुद्दा राजनीति में तूल पकड़ने लगा था।
कांग्रेस और अन्य दलों की आपत्ति
कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने यह भी कहा था कि यदि सरकार ने यह मांग स्वीकार नहीं की तो यह भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री के प्रति अपमान होगा। कांग्रेस के इस रुख के बाद ही इस मामले में घमासान बढ़ गया था। वहीं, अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने भी इस निर्णय पर हैरानी जताते हुए इसे अपमानजनक बताया था। हालांकि, अब केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए, और अब स्मारक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
स्मारक के लिए उचित स्थान की तलाश
सरकार की तरफ से पहले यह बताया गया था कि स्मारक के लिए एक उपयुक्त स्थान का चयन किया जाएगा। अब स्मारक उसी स्थान पर बनेगा, जहां यह उपयुक्त समझा जाएगा। इस फैसले के बाद विवाद खत्म होता नजर आ रहा है, और माना जा रहा है कि सभी पार्टियां इस फैसले को अब स्वीकार कर लेंगी।
मनमोहन सिंह का निधन और श्रद्धांजलि
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात निधन हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद से पूरे देश ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके योगदान को याद किया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी जारी है। डॉ. मनमोहन सिंह की जिंदगियों में स्थायी छाप छोड़ने वाली नीतियों और नेतृत्व के लिए उनकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी।