Dehradun

संसदीय प्रणाली को पढने के साथ किरदार भी निभाएंगे प्रदेश के स्कूली बच्चे, अब हर साल युवा संसद का होगा आयोजन।

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देहरादून – प्रदेश के सरकारी और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे संसदीय कार्यप्रणाली को अब पढ़ेंगे ही नहीं बल्कि किरदार भी निभाएंगे। राज्य के माध्यमिक विद्यालय और काॅलेजों में इस साल से युवा संसद का आयोजन किया जाएगा। शासन में हुई बैठक में सचिव माध्यमिक शिक्षा और सचिव विद्यालयी शिक्षा रामनगर को इसे अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के संसदीय ज्ञान को बढ़ाने के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर यह कवायद की जा रही है। युवा संसद के आयोजन को लेकर विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में शासन में बैठक हो चुकी है। जिसमें माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।

प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी सभी जिलों में युवा संसद आयोजित करने के लिए एसओपी तैयार कर कार्रवाई करेंगे। जिसमें जिलों के विभिन्न संबंधित अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार युवा संसद का हर साल आयोजन किया जाएगा।

युवा संसद को लेकर बनाए गए उच्च शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारी प्रमोद कुमार डोबरियाल बताते हैं कि उच्च शिक्षा में 117 राजकीय महाविद्यालयों और 21 अशासकीय महाविद्यालयों में युवा संसद का आयोजन होना है। इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। युवा संसद को लेकर सरकार की मंशा छात्र-छात्राओं के संसदीय ज्ञान को बढ़ाना है। जिस तरह से लोकसभा और राज्यसभा चुनाव के बाद सत्ता और नेता प्रतिपक्ष बनाए जाते हैं।

सदन में स्पीकर होते हैं। प्रश्नकाल और जनसमस्याओं को लेकर बहस होती है। ठीक इसी तरह से विद्यालयों और महाविद्यालयों में यह सब होगा। इसके लिए 31 जुलाई तक राष्ट्रीय युवा संसद की वेबसाइट में पंजीकरण कराना होगा। जबकि इस साल 31 अक्तूबर तक युवा संसद का आयोजन होना है। नोडल अधिकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा से तीन और इतने ही उच्च शिक्षा से युवा संसद का चयन कर इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जिन्हें युवा संसद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

युवा संसद की बैठक एवं प्रतियोगिता संबंधी केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार, युवा संसद एक घंटे की अवधि की होगी। जिसमें 50 से 55 छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर सकेंगे। 20 मिनट का प्रश्नकाल होगा। युवा संसद में हिंदी, अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया जा सकेगा।

राज्य में 16236 सरकारी विद्यालयों में से 2313 माध्यमिक विद्यालय हैं। जबकि 117 राजकीय महाविद्यालय और 21 अशासकीय महाविद्यालय हैं।

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