नई दिल्ली: Meta Platforms की लोकप्रिय मैसेजिंग सेवा WhatsApp ने इस्रायली स्पायवेयर कंपनी Paragon Solutions द्वारा किए गए साइबर हमले के बाद कंपनी को एक ‘सीज़ एंड डेसिस्ट’ नोटिस भेजा है। शुक्रवार को WhatsApp के एक अधिकारी ने बताया कि Paragon Solutions ने कई पत्रकारों और नागरिक समाज के सदस्यों सहित दर्जनों उपयोगकर्ताओं को निशाना बनाया।
‘जीरो-क्लिक’ हमले से खतरा
WhatsApp ने कहा कि लगभग 90 उपयोगकर्ताओं को हैक करने की कोशिश की गई, जिनमें 24 से अधिक देशों से लोग शामिल थे, जिनमें यूरोप के कई नागरिक भी थे। यह हमला ‘जीरो-क्लिक’ प्रकार का था, जिसका मतलब था कि उपयोगकर्ताओं को किसी संदिग्ध दस्तावेज़ को खोलने की आवश्यकता नहीं थी, और फिर भी उनके उपकरणों को संक्रमित किया जा सकता था। इस प्रकार के हमले को विशेष रूप से खतरनाक माना जाता है।
WhatsApp ने साइबर हमले को किया विफल
WhatsApp ने इस साइबर हमले को समय रहते विफल कर दिया और प्रभावित उपयोगकर्ताओं को कनाडाई इंटरनेट निगरानी समूह Citizen Lab के पास भेजा है। हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि उसने Paragon को हमले के लिए जिम्मेदार कैसे पाया।
स्पायवेयर कंपनियों का बढ़ता प्रभाव
Citizen Lab के शोधकर्ता जॉन स्कॉट-रेलटन ने कहा कि यह हमला दिखाता है कि “किराए के स्पायवेयर का प्रसार लगातार बढ़ रहा है और इसके दुरुपयोग के परिचित पैटर्न भी सामने आ रहे हैं।” Paragon Solutions और अन्य स्पायवेयर कंपनियां सरकारी ग्राहकों को उच्च-स्तरीय निगरानी सॉफ्टवेयर बेचती हैं, जिनका इस्तेमाल अपराध से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इन टूल्स का इस्तेमाल पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं पर भी किया जा चुका है, जिससे इस तकनीक के अनियंत्रित प्रसार के बारे में चिंता जताई जा रही है।
Paragon Solutions की भूमिका
Paragon Solutions ने हाल ही में खुद को उद्योग में अधिक जिम्मेदार कंपनियों में से एक के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Paragon केवल स्थिर लोकतांत्रिक देशों की सरकारों को अपने उत्पाद बेचता है।
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