Dehradun

उत्तराखंड में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम, राज्यपाल गुरमीत सिंह ने पदक विजेताओं और सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों को किया सम्मानित !

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देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को भारतीय वन्यजीव संस्थान में आयोजित वन्यजीव प्रबंधन के 39वें सर्टिफिकेट कोर्स के समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए पदक विजेताओं को सम्मानित किया। यह पाठ्यक्रम भारत के विभिन्न राज्यों के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, डिप्टी रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर और समकक्ष अधिकारियों के लिए तीन महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो संस्थान में आयोजित किया जाता है। ‘वन्यजीव संरक्षण गोल्ड मेडल’ सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु बेथसेबी लालरेम्रुआती, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, मिजोरम को दिया गया। ‘सिल्वर मेडल फॉर बेस्ट ऑल राउंड वाइल्डलाइफर’ उमेश, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, राजस्थान को प्रदान किया गया और ‘सिल्वर मेडल फॉर बेस्ट परफॉर्मेंस इन वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट मॉड्यूल’ राहुल उपाध्याय, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, मध्य प्रदेश को प्राप्त हुआ।

 

इस अवसर पर उन्होंने संस्थान परिसर में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े उत्पादों पर आधारित ‘सोविनियर शॉप’ का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने समारोह के दौरान ‘जल खाता अभियान’ का शुभारंभ भी किया जो जल संरक्षण के प्रति लोगों को विशेषकर स्कूली बच्चों को जागरूक किए जाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मानवता का भविष्य पर्यावरण की सुरक्षा और जैव विविधता के संतुलन पर निर्भर करता है। हमें मिलकर इन प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी होगी, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने उत्तराखण्ड की समृद्ध जैव विविधता पर प्रकाश डालते हुए हिम तेंदुए और बाघ संरक्षण में भारतीय वन्यजीव संस्थान के योगदान की सराहना की। उन्होंने संस्थान की अनुसंधान पहलों, विशेष रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा, जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में उनके प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि वन्यजीव संस्थान द्वारा किए जा रहे शोध और प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि राज्य की आर्थिकी को भी सुदृढ़ करने में सहायक हो सकते हैं।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने संस्थान के सेवानिवृत्त विशिष्ट वैज्ञानिकों,  पी.सी. त्यागी, पूर्व पीसीसीएफ और संस्थान के पूर्व संकाय सदस्य, डॉ. एस.पी. गोयल, रिटायर्ड वैज्ञानिक और डॉ. पी.के. मलिक, रिटायर्ड वैज्ञानिक को भी सम्मानित किया। मेधावी शोधकर्ता डॉ. आकांक्षा सक्सेना, गौरव पी.जे. और स्वप्नाली गोले को भी वन्यजीव विज्ञान और संरक्षण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर संस्थान के निदेशक विरेन्द्र तिवारी ने संस्थान के क्रियाकलापों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। समारोह में प्रथम महिला गुरमीत कौर, प्रमुख वन संरक्षण (हॉफ) उत्तराखण्ड धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा, संस्थान के कुलसचिव डॉ. एस सत्यकुमार, डीन डॉ. रूचि बढ़ोला सहित संस्थान के अन्य अधिकारी, वैज्ञानिक और प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित रहे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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