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केंद्र सरकार ने मनरेगा के पारिश्रमिक में किया बदलाब, नोटिफिकेशन किया जारी…जानिए नई दरे।

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नई दिल्ली – सरकार ने मनरेगा के पारिश्रमिक में बदलाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने अलग-अलग राज्यों में मनरेगा के तहत मिलने वाले पारिश्रमिक को बढ़ा दिया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरी दरों में संशोधन किया गया है और विभिन्न राज्यों में मजदूरी में चार से 10 प्रतिशत के बीच वृद्धि की गई है।

एक अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के तहत अकुशल श्रमिकों के लिए हरियाणा में सबसे अधिक मजदूरी दर 374 रुपये प्रति दिन है, जबकि अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में सबसे कम 234 रुपये है। सिक्किम की तीन पंचायतों गनाथन, लाचुंग और लाचेन में मजदूरी की दर 374 रुपये प्रतिदिन है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के मद्देनजर चुनाव आयोग से मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 27 मार्च को इस योजना के तहत वेतन पुनरीक्षण की अधिसूचना जारी की।

योजना के तहत 2023 की मजदूरी दरों में वृद्धि की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है। इसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करना है। अधिसूचना के अनुसार, गोवा में पारिश्रमिक में सबसे अधिक 34 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और अब राज्य में प्रति दिन भुगतान 356 रुपये कर दी गई है। आंध्र प्रदेश में, इसे प्रतिदिन 28 रुपये बढ़ाया गया और मजदूरी दर अब 300 रुपये है।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पारिश्रमिक में सबसे कम सात रुपये की वृद्धि हुई है। दोनों राज्यों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरी दर 237 रुपये प्रतिदिन है। पश्चिम बंगाल में मजदूरी दर बढ़ाकर 250 रुपये (13 रुपये की वृद्धि), तमिलनाडु में 319 रुपये (25 रुपये की वृद्धि), तेलंगाना में 300 रुपये (28 रुपये की वृद्धि) और बिहार में 228 रुपये (17 रुपये की वृद्धि) कर दी गई है। हालांकि पारिश्रमिक या मजदूरी दर के मामले में हरियाणा शीर्ष पर है, लेकिन यहां वृद्धि केवल चार प्रतिशत के आसपास हुई है। सभी राज्यों में कुल मिलाकर बढ़ोतरी चार से 10 प्रतिशत के बीच हुई है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तेलंगाना ने लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

कांग्रेस ने मनरेगा में 2024-25 के लिए मनरेगा मजदूरी की संशोधित दर अधिसूचित करने के बाद गुरुवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सभी राज्यों में मजदूरी दर 400 रुपये प्रतिदिन से काफी कम है। केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत संशोधित मजदूरी को अधिसूचित किया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मनरेगा की मजदूरी दर 1 अप्रैल से हर साल संशोधित की जाती है। रमेश ने कहा, “2024/25 के लिए, मोदी सरकार ने अभी-अभी संशोधित मनरेगा मजदूरी की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को छोड़ भी दें कि यह आगामी चुनावों के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता की भावना का उल्लंघन करता है, सभी राज्यों में घोषित दैनिक मजदूरी दर 400 रुपये प्रति दिन से काफी नीचे है, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ‘श्रमिक न्याय’ गारंटी का हिस्सा है।

कांग्रेस की ‘श्रमिक न्याय’ से जुड़ी घोषणा पारिश्रमिक के ठहराव को समाप्त करने के लिए प्रति दिन 400 रुपये के राष्ट्रव्यापी न्यूनतम वेतन की गारंटी देती है। हमारी ‘श्रमिक न्याय’ गारंटी के हिस्से के रूप में, कांग्रेस ने मोदी सरकार की श्रम संहिताओं की व्यापक समीक्षा कराने और श्रमिक अधिकारों को मजबूत करने के लिए उपयुक्त संशोधन करने का भी वादा किया है।

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