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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जल आपूर्ति योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के दिए निर्देश….

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देहरादून :  मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल आपूर्ति योजनाओं के सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने जल उपभोक्ताओं, विशेषकर स्थानीय महिलाओं, को इस प्रक्रिया में शामिल करने पर जोर दिया है, क्योंकि उनका फीडबैक पेयजल योजनाओं की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल संबंधित मामलों में आम नागरिकों की संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रभावशीलता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने जल आपूर्ति से जुड़े सभी विभागों को बेस्ट प्रैक्टिसेज अपनाने और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही, मुख्य सचिव ने सचिवालय में अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में विश्व बैंक से सहायता प्राप्त उत्तराखण्ड जल आपूर्ति कार्यक्रम की 11वीं उच्चाधिकार प्राप्त समिति (HPC) की बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में उन्होंने पेयजल विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों को जल जीवन मिशन की समयसीमा विस्तार के लिए भारत सरकार को तत्काल पत्र भेजने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने जलापूर्ति की गुणवत्ता और निरंतरता पर भी विशेष ध्यान देने की बात की। उन्होंने कहा कि आम जन को अबाध जल आपूर्ति प्रदान करने के साथ ही पानी की गुणवत्ता पर भी कड़ा ध्यान रखा जाए। उन्होंने यूजर फ्रेन्डली डैशबोर्ड पर सभी मुख्य परफॉर्मेन्स इंडिकेटर्स दर्ज करने के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट एमआईएस सिस्टम का उपयोग करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि यदि सेवा वितरण में कोई गैप आता है, तो संबंधित इंजीनियरों को एसएमएस के माध्यम से ऑटो अलर्ट भेजा जाए, ताकि शिकायतों का त्वरित निवारण किया जा सके। उन्होंने सुनिश्चित किया कि 48 घंटे के भीतर सभी शिकायतों का समाधान किया जाए और उपभोक्ताओं के संतुष्टिकरण के स्तर को लगातार बढ़ाया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि विश्व बैंक से सहायता प्राप्त 975 करोड़ रुपये लागत के उत्तराखण्ड जल आपूर्ति कार्यक्रम के तहत देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल और उधमसिंह नगर के 22 अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत वॉल्यूमीटरिंग के साथ प्रतिदिन 16 घंटे अबाध जलापूर्ति की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत 106,202 वाटर कनेक्शंस प्रदान किए गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

उत्तराखण्ड जल आपूर्ति कार्यक्रम के तहत संचालित सभी 22 अर्द्ध शहरी योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और इस पर विश्व बैंक की भी संतुष्टि व्यक्त की गई है।

 

 

 

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