देहरादून – बीते 24 घंटे से प्रदेश में लगातार भारी बारिश के चलते भूस्खलन के साथ ही नदी नाले उफान पर है बीती रात हुई भारी बारिश के बाद प्रदेश के पहाड़ी हिस्सों में भारी भूस्खलन देखने को मिला है…इसके बाद प्रदेश के कई हिस्सों में आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं। प्रदेश के अलग-अलग जगहों से नौ लोगों के हताहत होने की खबर है साथ ही कई लोग लापता भी बताए जा रहे।
हालातों से निपटने और तमाम अधिकारियों से फीडबैक लेने के लिए आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे जहां उन्होंने अधिकारियों से बारिश से हुई नुकसान का आंकलन किया। आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर तमाम स्थितियों का आकलन करने के बाद सीएम धामी ने कहा कि भारी बारिश के कारण जान माल के साथ ही कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है…साथ ही सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है, हालांकि राहत और बचाव कार्य लगातार किए जा रहे हैं,वहीं तमाम अधिकारियों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि हर नागरिक तक आवश्यक सूचना के साथ ही हर संभव मदद पहुंच सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जनपदों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक कुल 315 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जनपदों को और भी धनराशि उपलब्ध कराई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिलाधिकारी हरिद्वार, टिहरी, देहरादून, चमोली, नैनीताल, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी से बारिश की स्थिति, जानमाल के नुकसान, जलभराव की स्थिति, सड़कों, पुलों, पेयजल और विद्युत की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अगले 24 घण्टे सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रखें। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जाए और उनके रहने खाने की पर्याप्त व्यवस्थाएं रखी जाए। सुरक्षित स्थानों पर लाये जा रहे बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती माताओं को रहने के साथ दवाईयों एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था रखी जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो। चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के उन्होंने निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य सहायता राशि शीघ्र उपलब्ध कराये जाने के साथ ही फसलों और मवेशियों को हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को दिये हैं।