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CM DHAMI ने महक क्रांति नीति-2026-36 का किया शुभारंभ, हजारों किसानों को मिलेगा लाभ

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सगन्ध पौधा केन्द्र, सेलाकुई, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड महक क्रांति नीति-2026-36 का शुभारम्भ किया। उन्होंने सेटेलाइट सेन्टर भाऊवाला का लोकार्पण एवं सगन्ध पौधा केन्द्र, सेलाकुई स्थित ए.एम.एस (C-14) प्रयोगशाला का भी शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कुल 5 सेटेलाइट सेन्टरों का भी शिलान्यास किया। यह सेटेलाइट सेंटर – परसारी ( चमोली ), रैथल (उत्तरकाशी), भैसोड़ी (अल्मोड़ा), खतेड़ा (चंपावत) और विषाड (पिथौरागढ़) में स्थापित किए जाएंगे।

सीएम धामी ने किया महक क्रांति नीति-2026-36 का किया शुभारंभ

CM DHAMI ने महक क्रांति नीति-2026-36 का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान सुगंध पौधा केन्द्र और डाबर इंडिया लिमिटेड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एक्सटेंशन (विस्तार), अनुसंधान एवं विकास, मानव संसाधन विकास, मार्केटिंग आदि के क्षेत्र में कैप और डाबर के बीच सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करना है।

लेमनग्रास -तुलसी की खेती करने वाले किसानों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री ने कैप के फाउण्डर वैज्ञानिकों और लेमनग्रास – तुलसी की खेती करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने परफ्यूमरी प्रयोगशाला का भी भ्रमण किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड महक क्रांति नीति के शुभांरभ को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस नीति के अंतर्गत 7 एरोमा वैलियों को विकसित करने की शुरुआत होगी।

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प्रथम चरण में पिथौरागढ़ में तिमूर वैली, चमोली और अल्मोड़ा में डैमस्क रोज वैली, ऊधमसिंह नगर में मिन्ट वैली, चम्पावत और नैनीताल में सिनेमन वैली तथा हरिद्वार और पौड़ी में लेमनग्रास एवं मिन्ट वैली विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा इस नीति के अंतर्गत पौधशाला विकास सहयोग, खेती हेतु अनुदान, प्रशिक्षण एवं क्षमता-विकास, फसल बीमा, तथा पैकेजिंग और ब्रांडिंग जैसी आवश्यकताओं की व्यवस्था की जाएगी।

23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होगी सुगंधित फसलों की खेती

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति के अंतर्गत राज्य में लगभग 23 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सुगंधित फसलों की खेती को विकसित कर करीब 1 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। आगामी दस वर्षों में राज्य में सुगंधित फसलों की खेती के टर्नओवर को सौ करोड़ रुपये से बढ़ाकर लगभग ₹ 1200 करोड़ तक पहुंचाने में सफलता मिलेगी। जिससे किसानों के साथ राज्य की आय में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व राज्य सरकार, प्रदेश के किसानों के उत्थान और समृद्धि के लिए संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। प्रदेश में किसानों को 3 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि उपकरण खरीदने के लिए फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। राज्य में गेहूं खरीद पर किसानों को 20 रूपए प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान रहे हैं। गन्ने के रेट में भी 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की गई है। किसानों के हित में नहरों से सिंचाई को पूरी तरह मुफ्त करने का काम किया है।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए बनाए जाएंगे पॉलीहाउस

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के किसानों की आय बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 200 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान भी किया है। जिसके तहत राज्य में लगभग 115 करोड़ रुपए की सहायता से करीब 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं।

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया गया है। राज्य में सब्जियों की तरह ही फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है।

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