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उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सियासी बहस तेज, कांग्रेस का सरकार पर बड़ा हमला

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उपनल कर्मियों को नियमित करने की प्रस्तावित प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सरकार को इस मामले को लेकर घेरा है। उन्होंने उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण पर सियासी बहस तेज

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व CWC सदस्य करन माहरा ने कहा कि राज्य सरकार पर “डिवाइड एंड रूल” की नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भाजपा अंग्रेजों की मुखबिरी वाली वही शैली अपनाकर कर्मचारियों को बांटने का काम कर रही है। कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि किसी भी उपनल कर्मचारी ने यदि 10 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है तो उसे स्वाभाविक रूप से नियमितीकरण का अवसर मिलना चाहिए।

करन माहरा का सरकार पर बड़ा हमला

करन माहरा ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिसने 2014 में ज्वाइन किया, उसे 2024 तक नियमित हो जाना चाहिए था। लेकिन सरकार कट-ऑफ डेट बदलकर 2018 कर रही है, जिससे कई कर्मचारियों के 10 साल पूरे होने के बावजूद वे नियमितीकरण से वंचित हो जाएंगे। माहरा ने सवाल उठाया कि “जो कर्मचारी 2025 में 11–12 साल की सेवा पूरी कर रहे हैं, उनकी क्या गलती है? सरकार स्पष्ट नीति बनाकर सभी के साथ समान न्याय करे।”

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