Dehradun
सीएस राधा रतूड़ी ने की आजीविका योजनाओं की समीक्षा , आउटपुट मॉनिटरिंग को सख्त बनाने के दिए निर्देश….
देहरादून : आज सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों में चल रही आजीविका योजनाओं के संचालन पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से विशेष रूप से महिलाओं की आय में वृद्धि से संबंधित योजनाओं की रिपोर्ट तलब की और इन योजनाओं की प्रभावी निगरानी के लिए आउटपुट मॉनिटरिंग को सख्त बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) और मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (एमपीआरवाई) के तहत विभिन्न जिलों में चल रही योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, चमोली, चम्पावत और पिथौरागढ़ जिलों में संचालित परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम (एमबीएडीपी) के तहत ऊधमसिंह नगर में 12, उत्तरकाशी में 14, चमोली में 12, चम्पावत में 24 और पिथौरागढ़ में 21 योजनाओं को अनुमोदित किया गया। साथ ही, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना (एमपीआरवाई) के तहत अल्मोड़ा के लिए 10, ऊधमसिंह नगर के लिए 2, उत्तरकाशी के लिए 4, चमोली के लिए 3, चम्पावत के लिए 29, टिहरी के लिए 16, देहरादून के लिए 6, नैनीताल के लिए 6, पिथौरागढ़ के लिए 4, पौड़ी के लिए 16, बागेश्वर के लिए 13 और रूद्रप्रयाग के लिए 8 योजनाओं को भी मंजूरी दी गई।
मुख्य सचिव ने इन योजनाओं के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित उत्पादों को राज्य के अम्ब्रेला ब्राण्ड “हाउस ऑफ़ हिमालयाज” से जोड़ने का निर्देश भी दिया। इस कदम से स्थानीय उत्पादों को एक मंच मिलेगा और महिलाओं को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि इन योजनाओं के तहत महिलाओं को रोजगार और आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान किए जाएं, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो और वे आत्मनिर्भर बन सकें।