Uttarakhand
अब पहाड़ों मे भी सांस लेना हुआ मुश्किल ! देहारादून की हवा मे घुला ‘जहर’ , AQI के इन आंकड़ों ने उड़ाई सबकी नींद..
Dehradun AQI : पहाड़ों की हवा भी हो रही है जहरीली
दिसंबर के महीने में उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के साथ-साथ अब पहाड़ों मे भी हवा जहरीली हो रही है , उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की हवा भी ‘जहरीली’ होती जा रही है। जहां दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ‘खतरनाक’ (Hazardous) बना हुआ है, वहीं Dehradun AQI भी तेजी से गिरकर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
ताज़ा आकड़ों के मुकाबिक 18 दिसम्बर 2025 को Dehradun AQI का औसत 210 के पार चला गया है , वही बीते रोज AQI का लेवेल 300 तक चला गया था।
Table of Contents
Dehradun AQI बनाम दिल्ली: एक तुलनात्मक विश्लेषण (दिसंबर 2025)
दिसंबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और देहरादून की वायु गुणवत्ता में भारी अंतर तो है, लेकिन देहरादून की स्थिति अब चिंताजनक होने लगी है। नीचे दी गई टेबल से आप दोनों शहरों के बीच का अंतर समझ सकते हैं:
| शहर | औसत AQI स्तर (2025) | श्रेणी (Status) | मुख्य प्रदूषक |
| नई दिल्ली | 450 – 550 | खतरनाक (Severe+) | PM2.5, PM10 |
| देहरादून | 220 – 330 | खराब / बहुत खराब | PM2.5, धूल कण |
देहरादून में प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण
- घाटी की भौगोलिक स्थिति: देहरादून एक घाटी (Valley) में स्थित है। सर्दियों में ‘टेंपरेचर इन्वर्जन’ के कारण प्रदूषित हवा बाहर नहीं निकल पाती।
- वाहनों का दबाव: स्मार्ट सिटी और पर्यटन के कारण वाहनों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
- निर्माण कार्य: शहर में चल रहे फ्लाईओवर्स और सड़क निर्माण से उड़ने वाली धूल हवा को और प्रदूषित कर रही है।

GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) क्या है? इसके विभिन्न चरण जानें
वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन GRAP (Graded Response Action Plan) लागू करता है। दिल्ली-NCR में वर्तमान में स्टेज-4 की पाबंदियां लागू हैं, जबकि देहरादून में स्टेज-1 और स्टेज-2 की चर्चा तेज है।
GRAP के 4 मुख्य चरण:
- स्टेज 1 (AQI 201-300) – ‘खराब’: धूल नियंत्रण के लिए पानी का छिड़काव और कूड़ा जलाने पर सख्त पाबंदी।
- स्टेज 2 (AQI 301-400) – ‘बहुत खराब’: डीजल जनरेटर के उपयोग पर रोक और सार्वजनिक परिवहन (बसों/मेट्रो) के फेरों में वृद्धि।
- स्टेज 3 (AQI 401-450) – ‘गंभीर’: गैर-जरूरी निर्माण कार्यों (Construction) पर पूर्ण प्रतिबंध। BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल कारों पर रोक।
- स्टेज 4 (AQI 450+) – ‘अति गंभीर’: ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी, स्कूलों को बंद करना और 50% वर्क फ्रॉम होम की सलाह।
प्रदूषित हवा का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव (Health Risks)
प्रदूषण केवल धुंध नहीं है, बल्कि यह शरीर के अंगों पर सीधा हमला करता है। डॉक्टरों के अनुसार, देहरादून और दिल्ली जैसी हवा में सांस लेना कई सिगरेट पीने के बराबर है।
- फेफड़ों की समस्या: PM2.5 कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि वे सीधे फेफड़ों में घुसकर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं।
- हृदय रोग: दूषित हवा रक्त में मिलकर धमनियों में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- आंखों और त्वचा में जलन: हवा में मौजूद नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड आंखों में लालिमा और त्वचा पर खुजली पैदा करते हैं।
- बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा: कम उम्र के बच्चों के फेफड़ों का विकास रुक सकता है और बुजुर्गों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है।
विशेषज्ञ सलाह: यदि AQI 250 के पार है, तो सुबह की सैर (Morning Walk) से बचें और घर से निकलते समय N95 मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. Dehradun AQI इतना क्यों बढ़ रहा है?
उत्तर: भारी ट्रैफिक, शहर में चलता निर्माण कार्य और भौगोलिक स्थिति (वैली होने के कारण धुएं का न निकल पाना) प्रमुख कारण हैं।
Q2. AQI की सुरक्षित सीमा क्या है?
उत्तर: 0 से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’ और सुरक्षित माना जाता है।
Q3. क्या दिल्ली जैसा स्मॉग देहरादून में भी हो सकता है?
उत्तर: यदि प्रदूषण पर लगाम नहीं लगाई गई, तो आने वाले वर्षों में देहरादून की स्थिति भी दिल्ली जैसी चिंताजनक हो सकती है।