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देहरादून: UCC पर आयोजित वर्कशॉप में विधिक और सामाजिक बिंदुओं पर हुई विस्तृत चर्चा !

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देहरादून: उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के विषय पर एक महत्वपूर्ण वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों और विभिन्न समुदायों के प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। वर्कशॉप का उद्देश्य समान नागरिक संहिता से संबंधित विधिक और सामाजिक पहलुओं पर चर्चा करना था।

प्रस्तुतिकरण और विधिक जानकारी
कार्यक्रम के दौरान, पुलिस उप महानिरीक्षक और अपर सचिव गृह उत्तराखंड शासन, निवेदिता कुकरेती ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से समान नागरिक संहिता के विभिन्न विधिक बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने विवाह, विवाह विच्छेद, सहवासी संबंध, वसीयत और पंजीकरण की अनिवार्यता जैसे मुद्दों की प्रक्रिया और उससे जुड़े दंडात्मक परिणामों की जानकारी दी। इसके साथ ही संहिता के लागू होने की प्रक्रिया और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया।

सामाजिक समन्वय पर जोर
वर्कशॉप के दौरान, विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने संहिता के लागू होने पर उनके सामाजिक अधिकारों और चिंताओं को साझा किया। परिचर्चा में उपस्थित विधिक जानकारों ने सभी प्रश्नों का उत्तर देकर यह स्पष्ट किया कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी धर्म और समुदायों के अधिकारों में सामंजस्य स्थापित करना और समाज में एकरूपता लाना है।

पुलिस महानिदेशक का वक्तव्य
पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ ने कहा कि समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने वर्कशॉप में इस बात पर जोर दिया कि पंजीकरण की अनिवार्यता, विधिक परिणामों और जनता के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की और वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी, ताकि जनता और संबंधित अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।

प्रमुख प्रतिभागी और उनके विचार
कार्यक्रम में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद और विभिन्न समुदायों के नेता उपस्थित रहे। इनमें मुफ्ती शमून कासमी (अध्यक्ष, उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड), गुरबक्श सिंह राजन (प्रधान, श्री गुरु सिंह सभा), गीता खन्ना (अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग), प्रोफेसर सत्यव्रत त्यागी (डीएवी पीजी कॉलेज), डॉ. अरुण कुमार रतूडी (डीएवी पीजी कॉलेज), और सुनील मैसोन (दून उद्योग व्यापार मंडल) सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

 

 

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