Dehradun
देहरादून में सजेगा संस्कृति का अद्भुत संगम: ‘श्रोत महोत्सव 2025’ 7 अक्टूबर से होगा शुरू
देहरादून: भारत की समृद्ध कला, संस्कृति और हस्तशिल्प की विरासत को करीब से महसूस करने का मौका एक बार फिर देहरादूनवासियों को मिलने जा रहा है। तारा जोशी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित ‘श्रोत महोत्सव 2025’ का भव्य शुभारंभ 7 अक्टूबर से परेड ग्राउंड, देहरादून में होगा। यह सात दिवसीय राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव 13 अक्टूबर तक चलेगा।
देश भर से 100 से अधिक कारीगर, कलाकार और स्वयं सहायता समूह इस उत्सव का हिस्सा बनेंगे, जो भारत की विविध कला और लोक परंपराओं का जीवंत प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव का उद्देश्य भारत के पारंपरिक हथकरघों, हस्तशिल्प, लोक संगीत, नृत्य और ग्रामीण कलात्मकता को पुनर्जीवित करना और नई पीढ़ी के साथ जोड़ना है।
7 अक्टूबर को महोत्सव का शुभारंभ देश के प्रसिद्ध अभिनेता पंकज त्रिपाठी के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा। इसके तुरंत बाद राजस्थान के प्रख्यात लोक संगीत उस्ताद और पद्मश्री सम्मानित अनवर खान मांगणियार की संगीतमय प्रस्तुति दर्शकों को लोक सुरों की अनोखी दुनिया से रूबरू कराएगी।
क्या रहेगा खास?
हस्तशिल्प और हथकरघा प्रदर्शनी: पारंपरिक बुनकरों और शिल्पकारों द्वारा लाइव डेमो
कार्यशालाएँ: युवाओं और बच्चों के लिए चित्रकला, मिट्टी शिल्प, बांस कला, कठपुतली जैसे विषयों पर इंटरेक्टिव सेशंस
लोक संगीत और नृत्य: रोज़ाना शाम को देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
युवा संवाद: पारंपरिक कलाओं में करियर की संभावनाओं पर चर्चा और प्रेरणात्मक सत्र
‘वोकल फॉर लोकल’ को मिलेगा बढ़ावा
महोत्सव “वोकल फॉर लोकल” की भावना को मजबूती से आगे बढ़ाता है। यह मंच कारीगरों और कलाकारों को सीधे आम दर्शकों और खरीदारों से जोड़ता है…जिससे उन्हें आर्थिक सशक्तिकरण भी प्राप्त होता है। फाउंडेशन की ओर से बताया गया कि परेड ग्राउंड को पारंपरिक भारतीय रंगों, कलाओं और थीम आधारित सजावट से सजाया जा रहा है। सुरक्षा और यातायात के लिए प्रशासन के साथ मिलकर विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। श्रोत महोत्सव 2025 सिर्फ एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि एक जीवंत अनुभव है…जो भारत की आत्मा को छूने का मौका देता है। देहरादून और आसपास के सभी नागरिकों से इस सांस्कृतिक पर्व का हिस्सा बनने की अपील की गई है।