उत्तरकाशी – गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से कनखू बैरियर पर नोटिस बोर्ड लगा दिया है। इसमें लिखा गया है कि गोमुख मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसलिए उस पर आवाजाही बंद की गई है। वहीं पार्क प्रशासन के बोर्ड लगाने पर गंगोत्री धाम के व्यापारियों ने नाराजगी व्यक्त की है।
गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत देवगाड़, चीड़बासा, भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण यहां स्थित पुलिया बह गई थी। इस दौरान यहां दिल्ली निवासी दो कांवड़िए बह गए थे। इसके साथ ही 38 लोग फंस गए थे। जिनको एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया था। उसके बाद पार्क प्रशासन ने गोमुख मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी थी।
वहीं अब कांवड़ियों के पहुंचने पर कई लोग गोमुख जाना चाह रहे थे। इसलिए खतरे को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने गंगोत्री धाम सहित कनखू बैरियर पर बोर्ड लगा दिए हैं। जिसमें गोमुख मार्ग के क्षतिग्रस्त होने के साथ ही पूरी जानकारी दी गई है।
वहीं बोर्ड लगने के बाद गंगोत्री धाम के व्यापारियों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है। धाम के सतेंद्र सेमवाल सहित दीपक राणा का कहना है कि इससे पहले भी बरसात में वहां पर पुलिया बही हैं, लेकिन कांवड़ यात्रा के समय कभी भी इस प्रकार से गोमुख मार्ग पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई गई है।
उनका आरोप है कि पार्क प्रशासन की ओर से पुलिया बनाने में जानबूझ कर देरी की जा रही है। जबकि देश के विभिन्न प्रदेशों से कांवड़िए गोमुख से जल भरने गंगोत्री पहुंचते हैं। इधर, गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय का कहना है कि हमारे मजदूर चीड़बासा में मौजूद हैं। वहां पर नालों ने बरसात में विकराल रूप ले लिया है। इसलिए जब तक नालों में पानी का बहाव कम नहीं होता। तब तक निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। इसलिए ही बोर्ड लगाए गए हैं।