मुंबई : न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में इस बैंक पर कई गंभीर पाबंदियां लगाई हैं, जिसके कारण अब बैंक में जमा उनके पैसे की निकासी भी संभव नहीं हो पा रही है। 13 फरवरी से लागू इन पाबंदियों के तहत, अब जमाकर्ताओं को अपने बचत या चालू खातों से कोई भी रकम निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
आरबीआई के बयान के मुताबिक, बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत, छह महीने तक बैंक पर यह पाबंदी जारी रहेगी।
मुंबई स्थित इस सहकारी बैंक के 1.3 लाख जमाकर्ताओं में से 90 प्रतिशत से अधिक के खातों में 5 लाख रुपये तक की जमा राशि है। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की 28 शाखाओं में से अधिकांश मुंबई महानगर में स्थित हैं, जबकि दो शाखाएं गुजरात के सूरत और एक शाखा पुणे में है।
RBI की कार्रवाई और बैंक के बोर्ड का भंग होना
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक की वित्तीय स्थिति और खातों की जांच में कुछ खामियां पाई थीं। इस कारण पिछले शुक्रवार को आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर दिया और बैंक के कामकाज को देखने के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया। इसके साथ ही, इस प्रशासक की सहायता के लिए एक सलाहकार समिति भी बनाई गई है।
122 करोड़ रुपये के गबन का मामला
आरबीआई की कार्रवाई के बाद, मुंबई पुलिस ने बैंक के महाप्रबंधक और अकाउंट्स हेड, हितेश मेहता सहित अन्य सहयोगियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के कथित गबन का मामला दर्ज किया। इस मामले में अब मुंबई की अदालत ने मुख्य आरोपी हितेश मेहता की पुलिस हिरासत को 28 फरवरी तक बढ़ा दिया है। साथ ही, बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोआन को भी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। बैंक के महाप्रबंधक और अकाउंट्स विभाग के प्रमुख हितेश मेहता पर आरोप है कि उन्होंने विभिन्न समयों पर बैंक की तिजोरी से 122 करोड़ रुपये का गबन किया।