Dehradun

उत्तराखंड में डीजीपी नियुक्ति के लिए चर्चाएं तेज, दीपम सेठ की वापसी ने बढ़ाई हलचल !

Published

on

देहरादून: उत्तराखंड सरकार की मांग पर, एडीजी दीपम सेठ ने अपनी प्रतिनियुक्ति अवधि को बीच में छोड़ते हुए उत्तराखंड वापस आने का निर्णय लिया है। गृह सचिव शैलेश बगौली द्वारा शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे गए पत्र के बाद, दीपम सेठ को शनिवार को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) से रिलीव कर दिया गया है। इस घटनाक्रम ने राज्य में डीजीपी के चयन को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

यह अचानक फैसला राज्य में डीजीपी के पद पर चयन को लेकर नई दिशा दे सकता है। दीपम सेठ, जो जनवरी में डीजीपी (महानिदेशक) के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे, अब वरिष्ठता के हिसाब से इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार माने जा रहे हैं। दरअसल, पिछले साल पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही नए डीजीपी के चयन को लेकर राज्य में चर्चाओं का बाजार गर्म था।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने ऐसे पांच राज्यों के लिए नियमों में शिथिलता दी थी, जहां डीजी रैंक के पुलिस अफसर नहीं हैं। इनमें एडीजी रैंक के अधिकारियों का पैनल डीजीपी के लिए मांगा गया था। इस दायरे में उत्तराखंड के पांच एडीजी रैंक के अधिकारी शामिल थे, जिनमें से सबसे वरिष्ठ दीपम सेठ थे। हालांकि, उस समय वे प्रतिनियुक्ति पर थे और नियमों के अनुसार उनका नाम इस पैनल में शामिल नहीं हो पाया था। इसके बाद, केंद्र सरकार ने 30 नवंबर को एडीजी अभिनव कुमार को कार्यकारी डीजीपी के रूप में नियुक्त कर दिया था।

लेकिन, इस फैसले के बाद भी यह सवाल उठता रहा कि क्या डीजीपी का पद स्थायी रूप से भरना होगा, खासकर तब जब सुप्रीम कोर्ट ने कार्यकारी डीजीपी की नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी। अक्टूबर में फिर से यूपीएससी को पैनल भेजा गया, लेकिन अभिनव कुमार का नाम इस पैनल में भी नहीं था, क्योंकि उनका मूल कैडर उत्तर प्रदेश था।

अब, दीपम सेठ की उत्तराखंड वापसी के बाद डीजीपी के चयन को लेकर फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं। गृह सचिव शैलेश बगौली ने दीपम सेठ को उनके मूल कैडर में वापस भेजने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से पत्र लिखा था, और इसके अगले ही दिन भारत सरकार ने उन्हें तत्काल प्रभाव से रिलीव कर दिया। इस संबंध में अंडर सेक्रेटरी भारत सरकार की ओर से आदेश भी जारी किया गया है।

अब सवाल यह उठता है कि दीपम सेठ को उत्तराखंड में क्या जिम्मेदारी दी जाएगी। डीजीपी के पद पर उनकी नियुक्ति के बारे में निर्णय लेना अब राज्य सरकार के हाथ में है। इसके साथ ही, कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने गृह सचिव को पत्र लिखकर डीजीपी चयन की प्रक्रिया में बदलाव की सिफारिश की थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राज्य में डीजीपी की नियुक्ति के लिए शासन स्तर पर समिति बनाने की बात कही थी और यूपीएससी की दखल को गैर जरूरी बताया था।

 

 

 

#ADGDeepamSeth, #DGSelection, #UttarakhandPolice, #PoliceAppointment, #TrafficDiversion

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version