Uttarakhand

2012 मे आयी भीषण आपदा के समय बही सड़क, जब तक पहुंचे सड़क कही गांव न हो जाए खाली।

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उत्तरकाशी – केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार का हर गांव को सडक नेटवर्क से जोडने का लक्ष्य है सरकारें काम भी कर रही है, लेकिन लाचार अफसरों ने सरकार के विकास के पहियों पर जाम लगा रखा है। ऐसा ही कुछ मामला उत्तरकाशी में देखने को मिल रहा है।


जनपद उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर दिलसोड एवं चामकोट गांव है,जहां की सडक 2012 मे आयी भीषण आपदा के समय बह गयी थी। सरकारें बदली साल भी बदलते गये पर 12 सालों से ग्रामीणों का सडक से जुड़ने का सपना आज भी अधूरा बना हुआ है इस बीच कांग्रेस एवं भाजपा की सरकार ग्रामीणों को सडक बनवाने का आश्वासन दे देकर खूब तालियां बटोरने लगी रही पर ग्रामीणों का सपना आज भी अधूरा है।

ग्रामीणों का कहना है कि देश चांद पर चला गया पर जिला मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर दूर सडक का 400 मीटर हिस्सा नही बन पाया इस लिए गांव के हर ग्रामीण का कहना है कि साहब सडक ठीक कर दीजिए विकास हम खुद खोज लेंगे। क्योकि नकदी फसल के लिए फेमस इस गांव मे अब खेती भी बंजर पडने लगी है।

हालाकि प्रशासन ने सडक की डीपीआर भी तैयार कर भेज दी थी पर वह डीपीआर कहां गयी आज तक पता नही चल पाया। जब  इस बारे में पीडब्ल्यूडी से ग्रामीणों ने बात की तो उन्होंने बजट न होने के कारण अपना पल्ला झाड लिया। जब इस गांव मे विधायक गंगोत्री सुरेश चोहान का आगमन हुआ तो ग्रामीणों की उम्मीद जागी ओर विधायक से 12 सालों से खराब सडक को ठीक करने की मांग रखी।

सडक के आभाव मे गांव से पलायन शुरू हो चुका है बरसात के समय बच्चे स्कूल नही जा सकते है ओर खेती से फसल को घर लाते समय कही लोग चोटिल हो चुके है पर जिला मुख्यालय मे बैठे अधिकारियों तक इनकी आवाज नही पहूंची है कही ये न हो जब तक सडक पहूंचेगी तब तक गांव खाली न हो जाए बरहाल विधायक सुरेश चौहान ने जल्दी ही मुख्यमंत्री से मिलकर इस गांव की सडक को ठीक करने का वादा तो कर दिया अब देखना यह होगा की सडक का निर्माण कब से शुरू हो पाता है।

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