Uttarakhand

किसानों ने बाजपुर यूपी उत्तरखंड बॉर्डर पर ट्रेक्टर ट्रेलियों के साथ किया जोरदार प्रदर्शन, WTO के पुतले की निकाली शव यात्रा।

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बाजपुर – पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर किसानों ने डेरा डाला हुआ है जिसको लेकर किसानों के सभी संगठन केंद्र सरकार से मुखर दिखाई दें रहें हैं। इस आंदोलन में उत्तराखंड भी पीछे नहीं रहा है जिसमें सयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर WTO के विरोध में उधम सिंह नगर के बाजपुर यूपी उत्तरखंड बॉर्डर पर ट्रेक्टर ट्रेलियों के साथ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान स्टेट हाइवे के किनारे WTO के पुतले के साथ धरने पर बैठे गए। प्रदर्शन के दौरान लंगर की भी व्यवस्था की गयी है। इस दौरान किसान केंद्र सरकार से खासा मुखर दिखाई दिए हैं।

आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि 26 से 29 फरवरी तक अबू धाबी में होने वाले विश्व व्यापार संगठन (WTO) के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में खेती को बाहर रखने। भारत की खाद्य सुरक्षा और मूल्य समर्थन कार्यक्रम डब्ल्यूटीओ में बार-बार विवादों का विषय रहा है। जिसको लेकर देश भर में आज सयुक्त किसान मोर्चा WTO का विरोध कर रहा है। उनकी साफ तौर पर मांग है कि WTO से भारत बाहर हो। जनपद के किसान सुबह 11 बजे से पहले अपने अपने ट्रेक्टर ट्राली लेकर किसान यूपी उत्तराखंड बॉर्डर पर पहुँच गए दिल्ली तरफ मुँह कर अपने अपने ट्रेक्टर को लम्बी कतार में खड़ा कर दिया। जिसके बाद  किसानों ने ट्रेक्टरों की लम्बी लाइन लगा कर जोर दार प्रदर्शन किया।

 

इसी बीच किसान हाइवे के किनारे घंटो धरने पर बैठ गए। किसानों ने WTO का पुतला बना उसके साथ पहले प्रदर्शन किया जिसके बाद उसके पुतले की शव यात्रा निकाल कर आग के हवाले कर दिया। किसानों की केंद्र सरकार से मांग है की केंद्र सरकार WTO से अपना नाता तोड़ ले क्यों की ये सस्था हमेशा किसानों के विरोध में चलती है। दरअसल, प्रमुख कृषि निर्यातक देशों ने 2034 के आखिर तक खेती को समर्थन देने के लिए WTO सदस्यों के अधिकारों के वैश्विक स्तर पर 50% कटौती का प्रस्ताव दिया है। जिसको लेकर किसान WTO से नाराज दिखाई दें रहें हैं।

इस दौरान किसानों ने कहा कि आज WTO की बैठक है जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री हिस्सा लेने पहुंचे है। किसानों की मांग है की भारत WTO से बाहर हो क्योंकि प्रमुख कृषि निर्यातक देशों ने 2034 के आखिर तक खेती को समर्थन देने के लिए WTO सदस्यों के अधिकारों के वैश्विक स्तर पर 50% कटौती का प्रस्ताव दिया है। जिसको लेकर किसान WTO से नाराज दिखाई दें रहें। जिसके विरोध में किसानों ने WTO के पुतले की शव यात्रा निकाली बाद में पुतले को आग के हवाले कर दिया।

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