उत्तराखंड , पिथौरागढ़ : आतमा योजना के तहत प्रस्तावित कार्ययोजना को लेकर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में क्लेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई। जिसमें सभी रेखीय विभागों को कृषि उत्पादन को बढाने एवं किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने हेतु वृहद स्तर पर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने (आतमा) योजना से अभी तक कराए गए कार्यों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि धान, गेहूं, मोटा अनाज, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए मृदा परीक्षण कराते हुए क्षेत्रों को चिन्हित किया जाए। चिन्हित क्षेत्रों में सभी छोटे और मझोले किसानों को शामिल करते हुए नवीन कृषि तकनीकी की जानकारी एवं सुविधाएं दी जाए और क्लस्टर एप्रोच पर पूरे क्षेत्र को किसी फसल विशेष के उत्पादन के लिए तैयार किया जाए। गांव क्षेत्रों के चयन के दौरान वहां की क्रापिंग पैटर्न और उत्पादन का अच्छी तरह से विश्लेषण किया जाए। यहां पर किसानों को प्रशिक्षित करते हुए फार्म मशीनरी बैंक से पावर वीडर, पावर स्पेयर, स्प्रे व थ्रेसर मशीन, आटा चक्की एवं अन्य आधुनिक उपकरण उपलब्ध करें। कृषि उपकरणों को रिपेयर पार्ट्स रखते हुए रिपेयरिंग के लिए भी लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। किसानों को फल एवं सब्जी उत्पादन का भी प्रशिक्षण दिया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी ने विकास खंडवार काश्तकारों से वार्ता करते हुए कृषि, बागवानी, पशुपालन, सुगंधित एवं एरोमेटिक प्लांट, डेयरी, मत्स्य पालन, आदि में विशेष कार्य करने की बात कही। मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी ने आतमा योजना के अन्तर्गत संचालित एवं प्रस्तावित कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि आतमा योजना के तहत किसानों को प्रशिक्षण, प्रदर्शन, एक्सपोजर विजिट, किसान पुरस्कार, किसान वैज्ञानिक संवाद, किसान गोष्ठी, फार्म स्कूल प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है।
वहीँ इस अवसर पर वित्तीय वर्ष 2024-25 मे आतमा योजनान्तर्गत फसली वर्ष 2023-24 के आधार पर विकास खण्ड/जनपद स्तर पर कृषि, उद्यान, पशुलापन, मत्स्य, रेशम उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले विभिन्न कृषकों को प्रशास्ति पत्र देकर पुरस्कृत भी किया गया है।जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश भारद्वाज साथ विभागीय अधिकारी, कृषक एवं काश्तकार आदि उपस्थित थे।