Dehradun

उत्तराखंड सरकार का वित्तीय बोझ बढ़ा, कई फैसलों के बाद स्थिति सुधारने की कोशिश…

Published

on

देहरादून: उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना और स्मार्ट कार्ड योजना के तहत लाखों लोगों को मुफ्त और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन इन योजनाओं के बढ़ते लाभ के कारण सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ने लगा है। राज्य सरकार पर विभिन्न अस्पतालों का करीब 80 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है, जिससे राज्य के वित्तीय खजाने पर भार बढ़ रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया है ताकि योजनाओं का लाभ जनता तक निरंतर पहुंच सके और वित्तीय संकट का समाधान हो सके।

अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। वहीं, स्मार्ट कार्ड योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को असीमित चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसके लिए वे नियमित अंशदान करते हैं। लाखों लोग इन दोनों योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन इन योजनाओं के कारण सरकार को निजी और सरकारी अस्पतालों को भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे सरकार पर वित्तीय दबाव बढ़ रहा है।

वर्तमान में अस्पतालों का करीब 80 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है, जो लगातार बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बद्र्धन की अध्यक्षता में अटल आयुष्मान योजना और स्मार्ट कार्ड योजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। बैठक में राज्य के वित्त सचिव दिलीप जावलकर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए….

योजनाओं की निगरानी को सख्त किया जाएगा, ताकि कोई भी अनियमितता न हो।

कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले वित्तीय अंशदान को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा, जिससे योजना के लिए धन की कमी न हो।

अस्पतालों के भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाया जाएगा, ताकि वित्तीय संकट उत्पन्न न हो।

अटल आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया को अब और सरल बना दिया गया है। अब लोगों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय “कार्ड डिसेबल एंड इंप्लीमेंटेशन ई-ऑफिस” प्रणाली शुरू की गई है, जिसके माध्यम से लोग ऑनलाइन ही अपने कार्ड को निष्क्रिय कर सकेंगे।

सरकार का उद्देश्य है कि ये स्वास्थ्य योजनाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहें और आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलती रहें। साथ ही, वित्तीय संकट से बचने के लिए सरकार एक नई कार्ययोजना तैयार कर रही है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण इस संबंध में जल्द ही विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करेगा, ताकि दोनों योजनाओं का लाभ सही तरीके से जारी रह सके।

#Financialburden #Economiccrisis #Uttarakhandgovernment #Dhamigovernmentdecisions #Healthschemeschallenges

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version