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हरिद्वार में हाथियों की आवाजाही पर वन विभाग की कार्रवाई: अल्फा हाथी की पहचान, रेडियो कॉलर से होगी निगरानी….

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हरिद्वार :  हरिद्वार के शहरी इलाकों में हाथियों की बढ़ती आवाजाही को लेकर वन विभाग ने गंभीर कदम उठाए हैं। विभाग ने इन हाथियों के झुंड में सबसे प्रमुख हाथी, जिसे “अल्फा” के नाम से जाना जाता है, की पहचान कर ली है। अल्फा की निगरानी अब रेडियो कॉलर के जरिए की जाएगी ताकि उसकी दिशा और गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रखी जा सके।

घुसपैठ की समस्या और वन विभाग की योजना
पिछले कुछ समय से हरिद्वार के शहरी इलाकों में हाथियों की घुसपैठ बढ़ गई थी, जिससे स्थानीय लोगों और फसलों को नुकसान हो रहा था। विभाग की जांच में पाया गया कि यह हाथियों का झुंड मुख्य रूप से अल्फा के नेतृत्व में आता है, जो अन्य हाथियों को भी दिशा दिखाता है। इस झुंड में कुल 11 हाथी शामिल हैं, जिनमें 2 हथिनियां भी हैं, जो अल्फा की पसंदीदा मानी जाती हैं।

रेडियो कॉलर की मदद से होगी निगरानी
वन विभाग ने हाथियों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए एक नई योजना तैयार की है, जिसके तहत अल्फा हाथी को रेडियो कॉलर लगाया जाएगा। इस कॉलर की मदद से अल्फा की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी, जिससे विभाग को यह जानने में आसानी होगी कि हाथी कहां जा रहे हैं और कब शहरी इलाकों में घुसपैठ कर रहे हैं। यह कदम हाथियों द्वारा होने वाले नुकसान को कम करने और स्थानीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

आखिरी शब्द
वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हाथियों की आवाजाही को रोकने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे, जैसे कि हाथियों को सही दिशा में मार्गदर्शन करना और शहरी इलाकों में उनके प्रवेश को रोकना। रेडियो कॉलर के जरिए अल्फा की ट्रैकिंग से वन विभाग को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हाथी नुकसान न पहुंचाएं और स्थानीय लोग भी सुरक्षित रहें।

 

 

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