नैनीताल: देश-विदेश में प्रसिद्ध नीम करौली बाबा के भक्त अब नैनीताल शहर में भी उनके दर्शन कर सकेंगे। नैनीताल के ठंडी सड़क स्थित प्राचीन पाषाण देवी मंदिर में बाबा की प्रतिमा स्थापित की गई है। यह स्थान बाबा के जीवन से गहराई से जुड़ा रहा है, जहां वह झील किनारे बैठकर ध्यान लगाया करते थे।
पाषाण देवी मंदिर के पुजारी जगदीश भट्ट ने बताया कि बाबा यहां झील किनारे विराजित श्री मां कात्यायनी से संवाद करते थे। बाबा ने इस स्थान को पवित्र बताते हुए यहां हनुमान जी का मंदिर भी स्थापित किया था।
19वें वार्षिक महोत्सव में हुई प्रतिमा स्थापना
मां पाषाण देवी मंदिर का 19वां वार्षिक महोत्सव 19 जनवरी से शुरू हुआ था। 21 जनवरी को इस महोत्सव के दौरान राजस्थान से लाई गई बाबा नीम करौली की प्रतिमा का विधिवत अनुष्ठान के साथ मंदिर में स्थापना की गई।
बाबा को समर्पित भंडारे में उनके प्रिय व्यंजन माल पुए और खिचड़ी का आयोजन किया गया। मंदिर परिसर में कई दिन पहले से कारीगर माल पुए तैयार कर रहे थे।
पाषाण देवी मंदिर का धार्मिक महत्व
पुजारी ने बताया कि पाषाण देवी मंदिर नैनीताल के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यह मंदिर मां के नौ पिंडी रूपों को समर्पित है, जो चट्टान में अवतरित हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां का आधा शरीर नैनी झील के अंदर और आधा चट्टान में स्थित है। इस अद्वितीय स्थान का धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ गया है।
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