नई दिल्ली – सुपरफास्ट इंटरनेट और डीपफेक के इस दौर में किसी भी चीज को पहचानना बहुत ही मुश्किल काम है। मोबाइल एप से लेकर लोगों की फर्जी प्रोफाइल तक हर चीज फर्जी बनाई जा रही है। एप स्टोर पर फर्जी एप्स की भरमार है। इससे बचने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। अब सरकारी एप्स पर स्पेशल लेबलिंग होगी जिससे उनकी पहचान होगी।
इसके लिए सरकार और गूगल के बीच एक साझेदारी हुई है जिसके तहत गूगल ने एक नया फीचर पेश किया है। इस फीचर की मदद से यह पहचान करने में आसानी होगी कि कोई एप सरकारी है या नहीं। गूगल सरकारी एप्स पर एक लेबल लगाएगा और इसके अलावा डिस्क्रिप्शन भी डीटेल में होगा।
नए अपडेट के बाद सभी सरकारी एप्स के साथ एक सरकारी बैगेज होगा। इस बैगेज पर टैप करने पर “Play verified this app is affiliated with a government entity” यानी प्ले पुष्टि करता है कि यह एप सरकार से संबंधित है।
ऐसे में यूजर्स को सरकारी नकली और असली एप्स पहचानने में आसानी होगी। बता दें कि पिछले कुछ महीने में वॉयस क्लोनिंग के मामले तेजी से बढ़े हैं। कई ऐसे एप्स हैं जो सरकारी एप्स के नाम से मिलते-जुलते नाम वाले हैं।
गूगल ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, ब्राजील, भारत, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों के करीब 2,000 एप्स पर सरकारी एप्स के बैगेज लगाए गए हैं। भारत में यह बैगेज Digilocker, mAdhaar, NextGen mParivahan और Voter Helpline एप्स पर देखे जा सकते हैं।