देहरादून : सॉन्ग बांध परियोजना के तहत विस्थापित होने वाले परिवारों के लिए सरकार ने भूमि का इंतजाम कर लिया है। सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सुभाष चंद्र ने बताया कि सॉन्ग बांध परियोजना के तहत 30 परिवारों का पुनर्विस्थापन किया जाएगा, और इसके लिए रानी पोखरी में रेशम विभाग की जमीन निर्धारित की गई है। इस भूमि का हस्तांतरण विभाग को कर दिया गया है। पुनर्विस्थापित परिवारों को 200 वर्ग फीट आवासीय भूमि के अलावा आधे एकड़ भूमि का आवंटन भी किया जाएगा।
साथ ही, जिन 100 से अधिक आंशिक रूप से विस्थापित परिवारों को प्रभावित किया गया है, उन्हें 5.5 लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। इस कदम से इन परिवारों के पुनर्वास में सहूलत मिलेगी और उनकी जीवन-यात्रा को सहज बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सॉन्ग बांध परियोजना का उद्देश्य देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में 150 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) पेयजल आपूर्ति करना है। इस परियोजना के तहत सॉन्ग नदी पर 5 किलोमीटर लंबी एक झील का निर्माण किया जाएगा। इस झील के निर्माण के कारण सौंधना, घुड़साल और प्लेड गांव के 30 परिवार विस्थापित हो रहे हैं।
इस विशाल परियोजना पर करीब 2500 करोड़ रुपये की लागत आ रही है, जिसमें से राज्य सरकार को केंद्र से 1000 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति बेहतर होगी और स्थानीय जनता को इसका लाभ मिलेगा।
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