Chamoli
हेमकुंड साहिब यात्रा होगी अब और सुगम, रोपवे परियोजना को लेकर प्रशासन की तैयारी शुरू…
चमोली। चमोली जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में 4,329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंड साहिब की कठिन यात्रा अब सुगम बनने जा रही है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पर्वतमाला रोपवे परियोजना के तहत गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे लाइन के निर्माण को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। गुरुवार को जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में इस परियोजना को लेकर एक अहम बैठक आयोजित की गई।
बैठक में रोपवे निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और संभावित प्रभावों पर गहन चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद और एनएचएलएमएल (National Highways Logistics Management Limited) के बीच अनुबंध हो चुका है। एनएचएलएमएल कंपनी द्वारा परियोजना की प्रस्तुति बैठक में दी गई।
जिलाधिकारी तिवारी ने निर्माणदायी कंपनी को निर्देश दिए कि परियोजना के सामाजिक और पारिस्थितिक प्रभावों का आकलन करते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि निर्माण कार्य को सुगमता और पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जा सके।
बैठक में मौजूद रोपवे विशेषज्ञ नितेश कुमार ने जानकारी दी कि रोपवे का डिजाइन ट्रैकटेबल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है। परियोजना में कुल 6 स्टेशन प्रस्तावित हैं। यह रोपवे प्रति घंटे करीब 1,100 तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब तक पहुंचाने में सक्षम होगा। उन्होंने बताया कि रोपवे का निर्माण 2,730.13 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और यह पर्यावरण के अनुकूल तथा सभी सुरक्षा मानकों के अनुरूप होगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब तक पहुंचने के लिए 18 किलोमीटर लंबी कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ती है। रोपवे बनने के बाद यह यात्रा न केवल आसान होगी बल्कि समय की भी बचत होगी, जिससे वरिष्ठ नागरिकों और असमर्थ यात्रियों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगी।
बैठक में अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे, भूमि अधिग्रहण विशेषज्ञ सईद, वन विशेषज्ञ आकाश अलकानिया सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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