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हाईकोर्ट का आदेश: ज्यादा सीसी की गाड़ियां चलाने के लिए युवाओं की आयु सीमा 25 वर्ष करें तय…

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नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है कि 1000 से 2000 सीसी के वाहनों को चलाने के लिए चालक की न्यूनतम आयु 25 वर्ष निर्धारित की जाए। यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने ओवरस्पीडिंग और संबंधित दुर्घटनाओं के मामलों पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की।

अधिवक्ता ललित मिगलानी ने याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि 18 से 25 वर्ष के युवा अधिकतर ओवरस्पीड के कारण दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। मिगलानी ने यह भी कहा कि युवाओं को वाहन चलाने के दौरान इनकी नई तकनीकी सुविधाओं की जानकारी नहीं होती है, जिससे वे अनजाने में हादसों का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी जिक्र किया कि राज्य के पहाड़ी मार्ग संकरे और घुमावदार हैं, जिससे स्पोर्ट मोड में गाड़ी चलाने से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, खासकर जब वाहन चालक शराब के प्रभाव में होते हैं।

हाईकोर्ट ने यह माना कि जैसे 16 से 18 वर्ष के युवाओं के लिए 50 सीसी तक के वाहनों की सीमा निर्धारित की गई है, ठीक उसी तरह बड़े वाहनों के लिए भी उम्र सीमा तय की जानी चाहिए। साथ ही, कोर्ट ने आईजी ट्रैफिक गढ़वाल को तलब करते हुए यह सवाल भी उठाया कि क्या ओवरस्पीड के लिए ऐसे सेंसर लगाए जा सकते हैं, जिनसे वाहन चालक के परिजनों और संबंधित थाने को दुर्घटना की सूचना मिल सके, और थाने को चालान करने का अधिकार हो।

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