Dehradun

कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद,भारत-चीन की मुलाकात से मिले सकारात्मक संकेत….

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देहरादून: कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर एक बार फिर उम्मीदें जगी हैं। भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हाल ही में हुई मुलाकात में इस महत्वपूर्ण यात्रा के पुनः आरंभ करने को लेकर सार्थक वार्ता हुई। 2020 से बंद पड़ी इस यात्रा को फिर से शुरू करने की संभावनाओं को लेकर दोनों देशों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई है।

ओल्ड लिपू पास से हो रहे दर्शन

इस समय कैलाश पर्वत के दर्शन केवल ओल्ड लिपू पास से ही हो पा रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले में स्थित लिपुलेख दर्रा भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण यात्रा मार्ग रहा है। यहां से तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते थे, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का इतिहास

1981 में पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू हुई थी और तब से यह यात्रा एक प्रमुख धार्मिक यात्रा के रूप में प्रसिद्ध हो गई थी। भारत के विभिन्न हिस्सों से लाखों श्रद्धालु हर वर्ष इस यात्रा पर जाते थे, लेकिन 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण यह यात्रा पूरी तरह से बंद हो गई थी।

यात्रा फिर से शुरू होने की संभावना

हालांकि, अब भारत और चीन के बीच हालिया वार्ताओं के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः शुरू होने की उम्मीदें जागी हैं। विदेश मंत्रियों की बातचीत में यात्रा के मार्गों और सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई, जिससे तीर्थयात्रियों के लिए एक सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा मार्ग सुनिश्चित करने की संभावना बनी है।

सरकार की तैयारी

राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही इस यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए तत्पर हैं। पिथौरागढ़ जिले में यात्रा मार्ग को लेकर विभिन्न तैयारियां चल रही हैं, और यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

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