नैनीताल – भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर के निर्देशों के क्रम में नैनीझील का सात दिवसीय बैथिमेट्रिक सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। इसका उद्देश्य झील की गहराई और पानी के नीचे की स्थलाकृति, भीतर किस तरफ कैसा ढलान है, के बारे में डाटा एकत्रि करना है जो झील के संरक्षण और भविष्य के प्रबंधन में अहम साबित होगा।
बता दें भारतीय नौसेना पोत आईएनएस सर्वेक्षक की एक टीम (हाइड्रोग्राफर्स) की ओर से यह सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसका नेतृत्व आईएनएस सर्वेक्षण के कमान अधिकारी भारतीय नौसेना के कैप्टन त्रिभुवन सिंह कर रहे हैं। डीएसबी परिसर के पुरातन छात्र एवं फाइव यूके नेवल एनसीसी के कैडेट रह चुके त्रिभुवन सिंह के साथ टीम में लेफ्टिनेंट कमांडर दीपक बिष्ट और पांच नाविक शामिल हैं।
कैप्टन त्रिभुवन ने बताया कि झील की गहराई मापने और नीचे के नमूनों का संग्रह करने के लिए अत्याधुनिक इको साउंडर्स, झील के किनारे प्रमुख विशेषताओं की स्थिति तय करने के लिए जीपीएस सेट किया गया है। इससे नैनीझील का बैथिमेट्रिक चार्ट तैयार किया जाएगा। जो झील के बेहतर प्रबंधन और संरक्षण के लिए अहम होगा।
सर्वेक्षण से पूर्व नौसेना एनसीसी इकाई के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन चंद्र विजय नेगी, आईएनएस सर्वेक्षक के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह व उनकी टीम के बीच स्मृति चिह्नों का आदान प्रदान किया गया। फाइव यूके नेवल यूनिट एनसीसी की ओर से बड़ी फ्लैट-बॉटम नाव समेत उपकरणों की सुरक्षा और सर्वेक्षण तैयारी के लिए स्थान उपलब्ध कराया गया है। वहां नेवल एनसीसी के चीफ इंस्ट्रक्टर अंकुर यादव, नेवल एनसीसी यूनिट के दीपक चंद, शेर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।