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डॉलर की बढ़ती डिमांड से कमजोर हुआ भारतीय रूपया , पहली बार 85 के लेवल के नीचे गिरा…..
भारत की करेंसी बाजार में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। भारतीय रुपया आज पहली बार एक डॉलर के मुकाबले 85 के लेवल से नीचे फिसलकर 85.06 रुपये के स्तर पर आ गया है। 12 पैसे की गिरावट के साथ रुपया इस स्तर पर पहुंचा है। इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व का महंगाई दर का अनुमान बढ़ाना और ब्याज दरों में केवल दो बार कटौती करने की घोषणा है।
डॉलर की बढ़ती डिमांड से रुपया हुआ कमजोर
आज करेंसी बाजार में रुपया 85.04 रुपये के स्तर पर खुला था और फिर गिरते हुए 85.07 के स्तर तक पहुंच गया। यह रुपया के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि यह पहली बार है जब रुपया 85 के नीचे गिरा है। रुपया की कमजोरी का मुख्य कारण इंपोर्टर्स की ओर से डॉलर की बढ़ती डिमांड और भारतीय शेयर बाजार में हो रही बिकवाली है। विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालने के कारण डॉलर की मांग बढ़ी है, जिससे रुपये पर दबाव बन रहा है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का प्रभाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक के बाद 18 दिसंबर को पॉलिसी के फैसले ने वैश्विक बाजारों पर असर डाला। फेड ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की, लेकिन 2025 के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1% से बढ़ाकर 2.5% कर दिया है। साथ ही, फेड ने कहा कि 2025 में ब्याज दरों में केवल दो बार कटौती करेगा, जबकि पहले वह चार कटौतियों का संकेत दे चुका था। फेड के इस फैसले ने निवेशकों में निराशा पैदा की और डॉलर की मांग में वृद्धि हुई, जिससे रुपये की कमजोरी और बढ़ी।
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