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Kainchi Dham में अब बिना रजिस्ट्रेशन एंट्री नहीं! सरकार ने भीड़ से निपटने का प्लान शुरू किया

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Kainchi Dham

नैनीताल: उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बाबा नीब करौरी महाराज का Kainchi Dham अब श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ की वजह से प्रशासनिक फोकस में आ गया है। बीते कुछ वर्षों में यहां आने वालों की संख्या में जबरदस्त इज़ाफा हुआ है…जिसके चलते अब राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने यहां व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए कमर कस ली है।

धामी सरकार ने Kainchi Dhamको चारधाम की तरह सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। राज्य पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है और धाम की क्षमता निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

धाम और आसपास की प्रमुख जगहों पर एएमपीआर कैमरे लगाए जा रहे हैं…जो न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या की निगरानी करेंगे बल्कि आवाजाही और सुरक्षा में भी मदद करेंगे। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली लागू की जाएगी जिससे धाम में भीड़ नियंत्रित की जा सके। इसके लिए तहसील कैंची धाम के एसडीएम को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो सर्वे टीम के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।

डीएम वंदना सिंह द्वारा शासन को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि 2021 में जहां करीब 7-8 लाख श्रद्धालु Kainchi Dham पहुंचे थे…वहीं 2025 में यह संख्या 25 लाख पार कर चुकी है। सिर्फ 20 दिनों (17 मई से 9 जून) में 3.72 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का पहुंचना एक रिकॉर्ड है। हर सप्ताहांत औसतन 20-22 हज़ार लोग धाम पहुंच रहे हैं…जिससे ना सिर्फ मंदिर बल्कि नैनीताल और आस-पास के पर्यटन स्थलों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।

तेज़ी से बढ़ते यात्री दबाव के चलते भवाली-भीमताल, भीमताल-हल्द्वानी और भवाली-नैनीताल सड़कों पर भारी जाम की समस्या खड़ी हो गई है। बीते सीजन में 10 किलोमीटर से ज्यादा लंबे ट्रैफिक जाम के वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुए, जिससे मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ जैसे इलाकों के पर्यटन व्यवसाय पर सीधा असर पड़ा।

जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि शासन को चारधाम की तर्ज पर श्रद्धालुओं के ऑनलाइन पंजीकरण, स्थापना दिवस को छोड़ अन्य दिनों दर्शन की संख्या सीमित करने, और हल्द्वानी में ऑफलाइन काउंटर स्थापित करने जैसे सुझाव दिए गए थे…जिन्हें पर्यटन विभाग ने स्वीकार कर लिया है।

पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन प्रस्तावों पर सहमति बनी और क्षमता निर्धारण के लिए टीम गठित कर दी गई है। टीम ने डिजिटल सर्वे का काम शुरू कर दिया है, साथ ही बायपास निर्माण की प्रक्रिया भी तेज़ी से आगे बढ़ रही है।

अब Kainchi Dhamन सिर्फ एक आध्यात्मिक केंद्र बल्कि व्यवस्थित, सुरक्षित और टेक-सपोर्टेड धार्मिक स्थल बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। डिजिटल सर्वे, पंजीकरण व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल के ज़रिए सरकार इस प्रयास में है कि भक्तों को सुविधा मिले और स्थानीय पर्यटन पर भी सकारात्मक असर पड़े।

 

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